वाराणसी में म.प्र. टूरिज्म बोर्ड का हुआ रोड शो, पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के हितधारक हुए शामिल

उत्तरप्रदेश का गेटवे रीवा – मध्यप्रदेश आपके आतिथ्य सत्कार के लिए तैयार : उपमुख्यमंत्री शुक्ल रीवा में 26 व 27 जुलाई को होगा रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव: उपमुख्यमंत्री शुक्ल वाराणसी में म.प्र. टूरिज्म बोर्ड का हुआ रोड शो, पर्यटन व्यवसायी, टूर ऑपरेटर्स और होटल इंडस्ट्री के हितधारक हुए शामिल प्रमुख सचिव पर्यटन शिव शेखर शुक्ला ने प्रदेश की पर्यटन विशेषताओं से कराया अवगत रीवा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में अधोसंरचना विकास, संस्कृति का संरक्षण एवं प्रोत्साहन और पर्यटन क्षेत्र में निजी सहभागिता को बढ़ावा देने के सुनियोजित एवं एकीकृत प्रयास किए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल वाराणसी के होटल डबल ट्री बाय हिल्टन में पर्यटन रोड-शो में पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों को संबोधित कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने कहा कि रीवा उत्तरप्रदेश का गेटवे है। उत्तरप्रदेश से कनेक्टिवटी सुगम है। मध्यप्रदेश सभी आगंतुकों, पर्यटकों के आतिथ्य सत्कार के लिए तैयार है। रीवा में 26 एवं 27 जुलाई 2025 को रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव भी इस कॉन्क्लेव में शामिल होंगे। सभी को इस आयोजन में सहभागिता के लिए भी आंमत्रित किया। पर्यटकों को मिलेगा समृद्ध और विविध अनुभव प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति तथा प्रबंध संचालक, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश हमारी संस्कृति, विरासतों और धरोहरों को संजोकर पर्यटकों को सुखद और अविस्मरणीय अनुभव प्रदान करें। उत्तरप्रदेश और म.प्र. के पर्यटन में काफी समानता है। बाबा महाकाल और बाबा काशी विश्वनाथ दुनियाभर के श्रृद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। पर्यटकों को एक समृद्ध और विविध अनुभव मिलेगा साथ ही धार्मिक, सांस्कृतिक, स्वास्थ्य और विरासत से पर्यटन को आकर्षित करने में सहयोग प्राप्त होगा। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के पर्यटन व्यवसायियों, टूर ऑपरेटर्स, ट्रेवल एजेंट्स और होटल व्यवसाय से जुड़े हितधारकों के बीच सहयोग और साझेदारी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा पर्य़टन रोड शो का आयोजन किया गया। यह रोड शो आगामी माह में होने वाले मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट और रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव की तैयारियों के दृष्टिगत किया गया। इस अवसर पर प्रतिष्ठित संत सतुआ महाराज, वाराणसी कैंट एरिया के विधायक सौरभ श्रीवास्तव विशेष रूप से उपस्थित रहे।  

मुख्यमंत्री डॉ. यादव खण्डवा में दादाजी दरबार भूमि-पूजन महोत्सव में हुए शामिल

लाखों भक्तों की आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है धूनी वाले दादा का मंदिर: मुख्यमंत्री डॉ. यादव भक्तों की बरसों की कामना भूमि-पूजन के साथ हुई पूर्ण: मुख्यमंत्री डॉ. यादव मुख्यमंत्री डॉ. यादव खण्डवा में दादाजी दरबार भूमि-पूजन महोत्सव में हुए शामिल खण्डवा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि धूनी वाले दादाजी मंदिर जिलेवासियों सहित निमाड़ क्षेत्र के भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह केवल एक मंदिर नहीं लाखों भक्तों की आस्था एवं उनकी श्रद्धा का प्रतीक है। मंदिर निर्माण की कई बरसों पूर्व की कामना आज शिलान्यास के साथ पूर्ण हुई जो एक नए आध्यात्मिक युग का प्रारंभ हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सोमवार को खंडवा में आयोजित दादाजी दरबार भूमि-पूजन महोत्सव में पहुँचकर समाधि के दर्शन और पूजन-अर्चन किया। उन्होने भव्य मंदिर निर्माण के लिए भूमि-पूजन स्थल पर पुष्प अर्पित किए। धूनी वाले दादाजी मंदिर के भव्य निर्माण के लिए भूमि-पूजन वेद-ऋचाओं के उच्चारण के साथ संतों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों एवं स्थानीय लोगों की उपस्थिति में हुआ। मुख्यमंत्री द्वारा समाधी स्थल पर पुष्प अर्पित मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने दादाजी दरबार में बड़े और छोटे दादाजी महाराज की समाधियों के दर्शन कर पूजन अर्चन किया और धूनीमाई में आहूति अर्पित कर प्रार्थना की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समाधी स्थल पर संतों की उपस्थिति में पुष्प अर्पित किये। धूनी वाले दादाजी का भव्य मंदिर निर्माण किया जाएगा धूनी वाले दादाजी मंदिर का निर्माण 22 एकड़ भूमि पर 100 करोड़ की लागत से किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ट्रस्ट द्वारा जितना संभव हो उतना मंदिर का निर्माण कार्य किया जाए, उसके बाद शेष रहे कार्य का निर्माण शासन द्वारा किया जाएगा। मंदिर का निर्माण शिर्डी एवं अक्षरधाम मंदिर की तर्ज पर विभिन्न चरणों में किया जाएगा। मंदिर निर्माण में संगमरमर का उपयोग होगा। निर्माण कार्य का प्रारंभ गुरु पूर्णिमा के बाद किया जाएगा। भव्य मंदिर निर्माण में आधुनिक गौशाला, सेवाधारी निवास, पार्किंग व्यवस्था, भक्त निवास, भोजनशाला एवं नर्मदा परिक्रमावासी विश्रामस्थल का निर्माण किया जाएगा। दादा गुरु महाराज ने कहा कि यह मंदिर निर्माण नहीं बल्कि एक युग का प्रारंभ होगा। भारत के आध्यात्मिक चारों धामों के बाद किसी धाम की गिनती होती है तो वह है दादाजी धाम जो पांचवां धाम हैं। ये मंदिर श्रद्धा, सेवा एवं आध्यात्म का पवित्र केन्द्र है। कार्यक्रम में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, जनजातीय कार्य विभाग मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग एवं प्रभारी मंत्री धर्मेन्द्र सिंह लोधी, सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल, बुरहानपुर विधायक श्रीमती अर्चना चिटनीस, पंधाना विधायक श्रीमती छाया मोरे, महापौर श्रीमती अमृता यादव, विधायक कंचन तनवे सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।  

बदनावर-पेटलावद- थांदला 4-लेन सड़क के लिए भूमिअधिग्रहण की प्रक्रिया को पूर्ण करने प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त

झाबुआ   एमपी में बदनावर-पेटलावद- थांदला मार्ग के फोरलेन निर्माण की प्रक्रिया में कदम बढ़ाए गए है। शासन प्रशासन ने उक्त मार्ग में जमीन अधिग्रहण के लिए राजपत्र में प्रकाशन कर दिया है। राजपत्र में प्रकाशन के आधार पर भूमि अधिग्रहण के लिए क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी को प्राधिकृत अधिकारी बनाया है। इनके द्वारा भूमिअधिग्रहण की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाएगा। इन गांव से ली जाएगी जमीन इस संबंध में राजपत्र में अधिग्रहीत की जाने वाले गांव और कस्बों की सूची भी प्रकाशीत की गई है। इसके अनुसार पेटलावद तहसील के पेटलावद, करड़ावद, सारंगी जैसे बड़े कस्बों सहित नाहरपुरा, उन्नई, टेमरिया, पंथबोराली, बाछीखेडा, छावनी, भाभरापाड़ा, कुंडियापाड़ा, हिंडोला, बावडी, बेंगनबर्डी, छायनपाड़ा, मोहनपुरा, कसारबर्डी, खोरिया, छोटी बोलासा आदि गांवों को भूमि अधिग्रहण करने के लिए प्राधिकारी बनाए गए हैं। इसी प्रकार बदनावर और थांदला तहसील में भी प्राधिकारी बनाए गए हैं। मार्ग बना क्षेत्र के लिए पहेली बदनावद-पेटलावद- थांदला मार्ग क्षेत्रवासियों के लिए एक पहेली बन चुका है। जिसका हल हर कोई निकालना चाहता है। इस पहेली के सुलझने पर कई लोगों को लाभ तो कई लोगों को नुकसान होगा। क्योंकि वर्तमान टू लेन के आसपास पूरे क्षेत्र का व्यवसाय जमा हुआ है। सारंगी के लोग जता चुके हैं विरोध रोड निर्माण को लेकर आ रहे बयानों को लेकर पिछले दिनों सारंगी की रहवासियों ने सारंगी चैपाटी पर ओवरब्रिज बनने पर विरोध किया था। सारंगीवासियों का कहना है कि इस प्रकार ओवरब्रिज बनने से चौपाटी का रोजगार पूरी तरह से ठप हो जाएगा। वहीं दूसरी और करडावद और पेटलावद के बीच निकलने वाले मार्ग को लेकर संभावनाएं व्यक्त की जा रही है। कहां से आखिर यह मार्ग निकलेगा।

मध्य प्रदेश में वक्फ बोर्ड की कमेटियों का लेन देन अब होगा पारदर्शी, खुलेंगे बैंक खाते, सेन्ट्रल बैंक से हुआ करार

भोपाल  मध्यप्रदेश वक्फ बोर्ड के अधीन 15 हजार वक़्फ सम्पतियां रजिस्टर्ड है। कमेटियों के बैंक खाता नहीं होने के कारण भारी अनियमिताएं होने की लगातार शिकायतें मिल रही थी। इस पर वफ्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सनवर पटेल के सख्त निर्देश पर बोर्ड ने गहन छानबीन करते हुए बताया कि कमेटियों के बैंक खाते नहीं होने के कारण बोर्ड भारी असुविधा एवं आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा था। बैंक खाता अनिवार्य रूप से खुलवाने का फैसला राज्य के बोर्ड ने अपने काम में पारदर्शिता लाने, ऊपरी लेन देन रोकने और बोर्ड एवं कमेटियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए बोर्ड की कमेटियों का बैंक खाता अनिवार्य रूप से खुलवाने का फैसला किया, परन्तु प्रदेश भर में कमेटियों के खाते खोलने को लेकर बैंक में बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अनेक स्थानों पर तो बैंक खाते खुल ही नहीं पाते थे। कमेटियों की इस परेशानी को दूर करने के लिए बोर्ड चेयरमैन डॉ सनवर पटेल ने बोर्ड की टीम के साथ सेन्ट्रल बैंक के जोनल हेड एवं मैनेजमेंट से अनेक दौर की चर्चा की। खाता खुलवाने का सरकुलर जारी उक्त कार्य में मध्यप्रदेश शासन के प्रमुख सचिव सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने भी महत्वपूर्ण सहयोग एवं मार्गदर्शन किया। आज सेंट्रल बैंक ने बड़ा निर्णय लेते हुए बोर्ड के इतिहास में पहली बार अपनी सभी शाखाओं को बोर्ड की वैधानिक कमेटियों का खाता खुलवाने का सरकुलर जारी कर दिया है। ऐसी सभी वक्फ कमेटियां जिनको अपना बैंक खाता खुलवाने में परेशानी होती थी। कमेटियों के पदाधिकारी अब इस पत्र के साथ अपने जिले में सेन्ट्रल बैंक की अपने पास स्थित शाखा में जाये और अपनी वक्फ कमेटी का खाता बिना किसी परेशानी के खुलवाये।

सरकारी स्कूलों में कक्षा छह से आठवीं तक की छात्राओं को भी निशुल्क साइकिल वितरण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये

भोपाल  सरकारी स्कूल की छात्राओं के लिए खुशखबरी है। स्कूल शिक्षा विभाग ने शासकीय स्कूलों में नि:शुल्क साइकिल वितरण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 में जो छात्र कक्षा 6वीं और 9वीं में अध्ययनरत हैं तथा वे जिस ग्राम के निवासी हैं उस ग्राम में शासकीय माध्यमिक विद्यालय-हाई स्कूल नहीं हैं उन्हें किसी अन्य ग्राम या शहर के शासकीय स्कूल में जाते हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा। ध्यान रहे इन कक्षाओं में पुन: प्रवेश लेने पर साइकिल की पात्रता नहीं होगी। इसकी विस्तृत जानकारी 3.0 पोर्टल पर प्रदर्शित की गई हैं। नि:शुल्क साइकिल वितरण के संबंध में कक्षा 6वीं की साइकिल के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी आर के पांडे और कक्षा 9वीं के लिये योजना अधिकारी अशोक बड़गे को नोडल अधिकारी बनाया गया है। दिशा-निर्देश प्रदेश के समस्त कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला शिक्षाा अधिकारी और जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक को जारी किये गये हैं। ये छात्र होंगे पात्र     ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाले विद्यार्थी, जो कि शासकीय विद्यालय में कक्षा 6वीं और 9वीं में अध्ययनरत हैं तथा वे जिस ग्राम के निवासी हैं उस ग्राम में शासकीय माध्यमिक विद्यालय-हाई स्कूल संचालित नहीं हैं वे अध्ययन के लिये किसी अन्य ग्राम या शहर के शासकीय स्कूल में जाते हैं उन छात्रों को इस योजना का लाभ कक्षा 6th एवं 9th में प्रथम प्रवेश पर एक ही बार मिलेगा।     इन कक्षाओं में पुन: प्रवेश लेने पर साइकिल की पात्रता नहीं होगी। ग्रामीण क्षेत्र में ऐसे विद्यार्थी जो शासकीय विद्यालयों में कक्षा 6वीं एवं 9वीं में अध्ययनरत हैं उस गांव से उनके निवास की दूरी 2 किलोमीटर की दूरी से अधिक हो उन्हें ही साइकिल की पात्रता होगी।     ग्रामीण क्षेत्र में कन्या छात्रावास में अध्ययनरत छात्राएं जिनके माध्यमिक शाला और हाई स्कूल छात्रावास से स्कूल की दूरी 2 किलोमीटर अधिक दूरी पर है यह साइकिलें छात्रावास को आवंटित की जायेंगी और छात्रावास में रहने वाली बालिकाएं इनका प्रयोग कर सकेंगी। छात्रावास छोड़ते समय साइकिलें छात्रावास में जमा कराना होंगी। कैसे साइकिल मिलेगी     योजना में कक्षा 6वीं के विद्यार्थियों को 18 इंच और कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों को 20 इंच की साइकिलें प्रदाय की जायेंगी।     यह साइकिलें छात्रावास को आवंटित की जायेंगी और छात्रावास में रहने वाली बालिकाएं इनका प्रयोग कर सकेंगी। छात्रावास छोड़ते समय साइकिलें छात्रावास में जमा कराना होंगी।     नि:शुल्क साइकिल वितरण की विस्तृत जानकारी 3.0 पोर्टल पर प्रदर्शित की गई हैं। नि:शुल्क साइकिल वितरण के संबंध में कक्षा 6वीं की साइकिल के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी आर.के. पांडे और कक्षा 9वीं के लिये योजना अधिकारी श्री अशोक बड़गे को नोडल अधिकारी बनाया गया है।     दिशा-निर्देश प्रदेश के समस्त कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला शिक्षाा अधिकारी और जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक को जारी किये गये हैं।

श्रावण मास में देशभर से महाकाल मंदिरआने वाले कांवड़ यात्रियों को सुविधा का लाभ मिलने जा रहा, अन्नक्षेत्र में निश्शुल्क महाप्रसादी

 उज्जैन  ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में अब तक नेता, अधिकारियों आदि को ही विशेष प्रवेश द्वार से प्रवेश की सुविधा मिलती है, लेकिन अब श्रावण मास में देशभर से आने वाले कांवड़ यात्रियों को इस सुविधा का लाभ मिलने जा रहा है। मंदिर समिति ने सैकड़ों किलोमीटर की पद यात्रा का भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने आने वाले कांवड़ियों के लिए चार नंबर गेट से प्रवेश की व्यवस्था की है। वर्तमान में यह द्वार 250 रुपये के शीघ्र दर्शन टिकट वाले श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित है। कांवड़ यात्री महाकालेश्वर अन्नक्षेत्र में निश्शुल्क महाप्रसादी भी ग्रहण कर सकेंगे। श्रावण मास में देशभर से हजारों कांवड़ यात्री गंगा, नर्मदा सहित अन्य प्रमुख नदियों का जल लेकर भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने उज्जैन आते हैं। इस बार भी 11 जुलाई से नौ अगस्त श्रावणी पूर्णिमा तक संपूर्ण श्रावण मास में भगवान के जलाभिषेक का सिलसिला चलेगा। दूरदराज से सैकड़ों किलोमीटर की पद यात्रा करते हुए महाकाल के दर आने वाले कांवड़ यात्रियों को भगवान के जलाभिषेक में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो, इसलिए इनके प्रवेश की व्यवस्था चार नंबर गेट से की गई है। इस विशेष द्वार से कांवड़ यात्री मंदिर में प्रवेश कर विश्राम धाम, सभा मंडप के रास्ते गणेश व कार्तिकेय मंडपम् में पहुंचेंगे तथा यहां लगे जलपात्र से जल अर्पण कर निर्धारित व्यवस्था अनुसार मंदिर के बाहर निकलेंगे। कावड़ यात्रियों को विशेष द्वार से प्रवेश की सुविधा सप्ताह में चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक सुबह छह बजे से शाम 4 बजे तक मिलेगी। शनिवार, रविवार व सोमवार को अत्यधिक भीड़ होने से यह व्यवस्था स्थगित रहेगी। हालांकि कांवड़ यात्री भीड़ भरे इन दिनों में भी भगवान महाकाल का जलाभिषेक कर सकेंगे। इसके लिए उन्होंने श्री महाकाल महालोक के नंदी द्वार से सामान्य दर्शनार्थियों की कतार में लगना पड़ेगा। दो स्थानों पर लगेंगे जल पात्र श्रावण में भगवान महाकाल का जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर में दो स्थान सभा मंडप व कार्तिकेय मंडपम में जल पात्र लगाए जाएंगे। भक्त इन पात्रों में जल अर्पण करेंगे और जल पाइप के माध्यम से भगवान को अर्पित होगा। बता दें आम दिनों में भगवान महाकाल को केवल आरओ जल ही अर्पित किया जाता है। विशेष इंतजाम होंगे     महाकाल मंदिर में कांवड़ यात्रियों के लिए वीआइपी इंतजाम किए जा रहे हैं। उनके लिए चार नंबर गेट से प्रवेश की विशेष सुविधा रहेगी। बड़ी कांवड़ यात्राओं के लिए भी विशेष इंतजाम रहेंगे। भोले के भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। – मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासक, महाकाल मंदिर