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बाढ़ से पहले तैयारी ज़रूरी: जल संसाधन मंत्री सिलावट ने दिए एहतियाती उपायों के निर्देश

भोपाल  जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने कहा है कि विभागीय अधिकारी प्रदेश में बांधों एवं जलाशयों में जल भराव की स्थिति की निरंतर निगरानी करें और बाढ़ नियंत्रण के सभी एहतियाती उपाय करें. संबंधित विभागों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित कर आपदा प्रबंधन और नियंत्रण के सभी प्रयास करें. प्रदेश में कहीं से भी अतिवृष्टि अथवा बाढ़ की स्थिति की सूचना मिलने पर तत्परता के साथ कार्रवाई करें। जल संसाधन मंत्री श्री सिलावट ने गुरुवार को मुख्य अभियंता, बोधी कार्यालय स्थित राज्य बाढ़ नियंत्रण कक्ष में विभागीय अधिकारियों की बैठक में प्रदेश में वर्षा एवं जल संरचनाओं में जल भराव की स्थिति की समीक्षा की एवं आवश्यक निर्देश दिए. इस अवसर पर मुख्य अभियंता, बोधी श्री आर. डी. अहिरवार, अधीक्षण यंत्री, संचालक बाढ़ नियंत्रण कक्ष एवं सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में बताया गया कि रिजर्वॉयर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम में चिन्हित प्रदेश के 286 प्रमुख बांधों में से आज की स्थिति में 6 जलाशयों में 90% से अधिक, 07 में 75% से 90% तक, 22 जलाशयों में 50% से 75% तक, 43 जलाशयों में 25% से 50% तक, 52 जलाशयों में 10% से 25% तक तथा 156 जलाशयों में 10% से कम जल भराव है। विगत वर्ष में आज दिनांक की स्थिति में प्रदेश के प्रमुख बांधो में लगभग 25.76 प्रतिशत औसत जलभराव था, जबकि इस वर्षाकाल में अच्छे मानसून के आगमन से प्रदेश के प्रमुख बांधो में जलभराव की स्थिति लगभग 35.34 प्रतिशत से अधिक है। इस प्रकार विगत वर्ष की तुलना में जल भराव की स्थिति 10.25 प्रतिशत अधिक है। मानसून 2025 में मध्यप्रदेश में आज दिनांक तक 230.8 मि.मी. वास्तविक वर्षा दर्ज की गई है, जो प्रदेश की औसत वर्षा से 48 प्रतिशत अधिक है। राज्य के पूर्वी हिस्से में औसत से 30 प्रतिशत अधिक एवं पश्चिमी हिस्से में औसत से 65 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है। प्रदेश में अच्छे मानसून के आगमन से राज्य के प्रमुख बांधो में जल भराव की स्थिति संतोषप्रद है। विगत वर्ष आज की स्थिति में मध्यप्रदेश में वास्तविक वर्षा 142 मि.मी. दर्ज हुई थी, जो औसत वर्षा से 9 प्रतिशत कम थी। पूर्वी मध्यप्रदेश में 18 प्रतिशत कम और पश्चिमी मध्यप्रदेश में औसत वर्षा दर्ज की गई थी। 

गाइटर से जंग जीत गई ज़िंदगी! AIIMS Bhopal में बुजुर्ग महिला का सफल इलाज

भोपाल AIIMS Bhopal में डॉक्टरों की टीम ने एक जटिल सर्जरी कर 65 वर्षीय महिला को नई जिंदगी दी है। यह महिला कई सालों से गाइटर (थायराइड ग्रंथि की सूजन) की समस्या से परेशान थीं। हाल के दिनों में उनकी हालत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी थी और आवाज भी साफ से नहीं निकल पा रही थी। एम्स भोपाल के जनरल सर्जरी विभाग में परामर्श के बाद की गई जांच में पता चला कि गाइटर इतना बढ़ चुका था कि उसने श्वास नली (ट्रेकिया) और गर्दन की अन्य नाजुक संरचनाओं पर दबाव डालना शुरू कर दिया था।   किन डॉक्टरों ने किया ऑपरेशन? यह स्थिति गंभीर और जानलेवा हो सकती थी। प्रो. डॉ. मनीष स्वर्णकार और डॉ. कृष्ण कुमार के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने सावधानीपूर्वक ऑपरेशन किया। कई घंटे चली इस सर्जरी में थायराइड ग्रंथि को हटाया गया, साथ ही यह ध्यान रखा गया कि आवाज की नसें (रिकरेंट लैरिंजियल नर्व) और पैरा-थायराइड ग्रंथियां सुरक्षित रहें। ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और अब मरीज तेजी से ठीक हो रही हैं। जानलेवा हो सकती थी बीमारी इस अवसर पर प्रो. मनीष स्वर्णकार ने बताया कि अगर इलाज में थोड़ी और देर होती तो यह महिला के लिए जानलेवा साबित हो सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि थायराइड से जुड़ी किसी भी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, समय पर इलाज जरूरी है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ इलाज करना नहीं, बल्कि समय पर लोगों को जीवनरक्षक सेवाएं देना है, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं वास्तव में जनकल्याण का माध्यम बन सकें।

आंगनबाड़ी भर्ती: 2.5 लाख से अधिक आवेदन, आज है ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि

भोपाल प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के 19,504 पदों पर भर्ती के लिए अब तक 2.70 लाख आवेदन मिल चुके हैं। शुक्रवार को आवेदन करने की अंतिम तिथि है। इस बार आवेदन की प्रक्रिया को आनलाइन रखा गया है। इनमें सुधार के लिए सात जुलाई तक का समय मिलेगा। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पारदर्शिता के लिए भर्ती की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन रखी गई है। एमपी ऑनलाइन के चयन पोर्टल पर एक जनवरी 2025 की स्थिति में 18 से 35 वर्ष आयु तक की महिलाएं आवेदन कर सकती हैं। दस्तावेज भी इसी पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। चयन समिति विभिन्न आधारों पर मेरिट तैयार करेगी। इसके आधार पर नियुक्ति होगी। सर्वाधिक 47 हजार 116 आवेदन इंदौर संभाग से प्राप्त हुए हैं। जबलपुर संभाग में 44 हजार 258, सागर में 33 हजार 513, भोपाल में 28 हजार 850, रीवा से 28 हजार 519, ग्वालियर में 28 हज़ार 413,उज्जैन में 24 हजार 159, चंबल में 14 हजार 829, शहडोल में 10 हजार 406 में और नर्मदापुरम संभाग में 10 हजार 89 आवेदन मिले हैं।

भोपाल रियासत के अंतिम नवाब की संपत्ति के उत्तराधिकार के संबंध में हाईकोर्ट ने नए सिरे से सुनवाई करने के दिए निर्देश

भोपाल /जबलपुर  भोपाल रियासत के अंतिम नवाब मोहम्मद हमीदुल्ला खान की संपत्ति के उत्तराधिकार के संबंध में दायर अपील की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा साल 2000 में पारित आदेश को निरस्त कर दिया है। हाईकोर्ट जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने ट्रायल कोर्ट सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए निर्देशित किया है कि सम्पत्ति उत्तराधिकारी विवाद की सुनवाई नए सिरे की जाए। एकलपीठ अपने आदेश में कहा कि है कि इसे एक साल की निर्धारित समय अवधि में किया जाए। भोपाल रियायत के वंशज का दावा करते हुए बेगम सुरैया रशीद, बेगम मेहर ताज नवाब साजिदा सुल्तान, नवाबजादी कमर ताज राबिया सुल्तान, नवाब मेहर ताज साजिदा सुल्तान एवं अन्य ने भोपाल जिला न्यायालय द्वारा पारित आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में साल 2000 में दो अपील में दायर की थीं। अपील में कहा गया था कि भोपाल रियासत का भारत संध में विलय 30 अप्रैल 1949 में हुआ था। लिखित समझौते के अनुसार विलय के बाद नवाब के विशेष अधिकार जारी रहेंगे और निजी संपत्ति के पूर्ण स्वामित्व के उत्तराधिकार भोपाल सिंहासन उत्तराधिकार अधिनियम 1947 के तहत होंगे। नवाब की मृत्यु के बाद साजिदा सुल्तान को नवाब घोषित किया गया था। भारत सरकार ने 10 जनवरी 1962 को पत्र जारी की संविधान के अनुच्छेद 366 (22) के तहत व्यक्तिगत संपत्ति का उल्लेख निजी संपत्ति के रूप में किया था। नवाब मोहम्मद हमीदुल्ला खान की मृत्यु के पश्चात उनकी निजी संपत्ति का बंटवारा मुस्लिम पर्सनल लॉ के अनुसार वादीगण और प्रतिवादियों के बीच होना चाहिए था। भोपाल जिला न्यायायनल में संपत्ति उत्ताधिकारी की मांग करते हुए आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिला न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय पारित निर्णय के आधार पर उनका आवेदन खारिज कर दिया था। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि ट्रायल कोर्ट ने मामले के अन्य पहलुओं पर विचार किए बिना इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अनुसार प्रकरण को खारिज कर दिया था। ट्रायल कोर्ट इस तथ्य पर विचार करने में विफल रहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विलय करने पर सिंहासन उत्तराधिकार अधिनियम को खारिज कर दिया गया था। विचाराधीन मामला विरासत के विभाजन का है, इसलिए सीपीसी के 14 नियम 23 ए के प्रावधान के मद्देनजर मेरी राय है कि इन मामलों को नए सिरे से तय करने के लिए ट्रायल कोर्ट में वापस भेजा जाए। ट्रायल कोर्ट बदली हुई कानूनी स्थिति के मद्देनजर पक्षों को सबूत पेश करने की अनुमति दे सकता है।  

अब मध्यप्रदेश में बिजली चोरी रोकना होगाआसान, सरकार ‘विद्युत पुलिस थानों’ की शुरुआत करने जा रही

भोपाल  अब मध्यप्रदेश में बिजली चोरी रोकना आसान होगा। गुजरात की तर्ज पर प्रदेश सरकार 'विद्युत पुलिस थानों' की शुरुआत करने जा रही है। इन थानों में प्रतिनियुक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा, जो बिजली विभाग की जांच टीमों के साथ जाकर औचक निरीक्षण करेगा, एफआईआर दर्ज करेगा और केस डायरी तैयार करेगा। पहले चरण में भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन और रीवा में एक-एक विद्युत थाना खोला जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दी गई। सीएम ने बिजली चोरी के मामलों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस बल की आसान उपलब्धता पर जोर दिया। बैठक में बताया गया कि 15 अगस्त से सभी सरकारी कार्यालयों में प्री-पेड मीटर लगाए जाएंगे, जिससे बकाया बिलों की समस्या खत्म हो सके। वहीं, स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को दिन के समय बिजली पर 20% सस्ती दरों का लाभ मिलेगा। यह छूट पहले से उद्योगों को मिल रही थी, अब घरेलू उपभोक्ताओं को भी दी जाएगी। फिलहाल प्रदेश में 21 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, जबकि कुल 1.34 करोड़ मीटर लगाने का लक्ष्य है। इस कार्य की धीमी गति पर मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई और तेजी से कार्य योजना लागू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, “स्मार्ट मीटरिंग बिजली उपयोग में अनुशासन लाएगी और उपभोक्ताओं को फायदा भी होगा।” सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि पंपों को सोलर पंप में बदला जाए, ताकि बिजली लोड कम हो और आपूर्ति बेहतर हो। इसके साथ ही घने पेड़ों के नीचे से गुजरने वाली लाइनों पर कोटिंग कराने के निर्देश भी दिए गए, ताकि बारिश या आंधी के समय बिजली बाधित न हो। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जानकारी दी कि बकाया बिल वसूली के लिए ‘समाधान योजना’ लाई जा रही है। घरेलू, औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं को अधिभार में छूट दी जाएगी। यह योजना 6 महीने के लिए लागू होगी। इसके बाद भी बिल न चुकाने वालों के कनेक्शन काट दिए जाएंगे। अगले दो साल में तीनों बिजली वितरण कंपनियों को लाभ में लाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसके लिए ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग यूनिट, सौर ऊर्जा, स्मार्ट मीटरिंग और राजस्व वृद्धि पर जोर दिया जा रहा है।

आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के पदों की पूर्ति के लिये जारी की गई ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिल रही

भोपाल महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आंगनवाड़ी सहायिका के रिक्त पदों की पूर्ति के लिये जारी की गई ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिल रही है। विभाग द्वारा 19 जून को जारी विज्ञापन के तहत कुल 19,504 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसमें अब तक 2,70,152 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। भर्ती प्रक्रिया में दस संभागों से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के लिए 55,730 और आंगनवाड़ी सहायिका के लिए 2,14,422 आवेदन प्राप्त हुए हैं। आवेदन प्रक्रिया की अंतिम तिथि 4 जुलाई निर्धारित की गई है, जबकि भरे गए आवेदन में सुधार की अंतिम तिथि 7 जुलाई है। उल्लेखनीय है कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के कुल 19 हज़ार 504 पदों की पूर्ति के लिए इंदौर संभाग से सबसे अधिक 47 हज़ार 116 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिन में 38 हज़ार 601 सहायिका के पद और 8 हज़ार 515 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के पद के लिए आवेदन प्राप्त हुए है। जबलपुर संभाग से कुल 44 हजार 258 आवेदन में से 34 हजार 317 सहायिका के और 9 हजार 941 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के आवेदन प्राप्त हुए है। सागर संभाग से 33 हज़ार 513 में से सहायिकाओं के पद के लिए 27 हज़ार 857 और कार्यकर्ता के लिए 5 हज़ार 656 आवेदन आए है। भोपाल में कुल 28 हज़ार 850 आवेदन प्राप्त हुए है। इनमें सहायिका के पद के लिए 22 हजार 397 और कार्यकर्ता के लिए 6 हज़ार 453 आवेदन प्राप्त हुए है। इसी प्रकार रीवा से 28 हज़ार 519 कुल आवेदन प्राप्त हुए है, जिनमें 23 हज़ार 831 आवेदन सहायिका के और 4 हज़ार 688 आवेदन कार्यकर्ता के लिए प्राप्त हुए है। ग्वालियर संभाग के 28 हज़ार 413 आवेदनों में सहायिका के 22 हज़ार 73 और कार्यकर्ताओं के 6 हज़ार 340 आवेदन प्राप्त हुए है। उज्जैन संभाग से कुल 24 हजार 159 आवेदनों में से सहायिका के 18 हज़ार 711 और कार्यकर्ता के 5 हज़ार 448, चम्बल संभाग के कुल 14 हज़ार 829 आवेदनों में 12 हज़ार 343 सहायिका के और 2 हज़ार 486 आवेदन कार्यकर्ता के पद के लिए प्राप्त हुए है। इसके अतिरिक्त शहडोल संभाग से कुल 10 हज़ार 406 आवेदन प्राप्त हुए है, जिनमें 7 हज़ार 291 सहायिका और 3 हजार 115 कार्यकर्ता के पद के लिए प्राप्त हुए है। नर्मदापुरम से सहायिका के पद के लिए 7,001 और कार्यकर्ता के लिए 3088 कुल 10 हज़ार 89 आवेदन प्राप्त हुए है।  

विश्व रिकॉर्ड में दर्ज हुई राज सैनी की पेंटिंग, मूड्स ऑफ नरेन्द्र मोदी थीम पर बनाई

 भोपाल भोपाल के वरिष्ठ चित्रकार राज सैनी का नाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आधारित पेंटिंग वन कैरेक्टर, वन कैनवास, वन आर्टिस्ट के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन में दर्ज हुआ है। राज सैनी को यह सम्मान पिछले दिनों इंदौर में आयोजित हुए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड के समारोह में दिया गया। सैनी को यह सम्मान हिमाचल प्रदेश के पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्रा, पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति विष्णु सदाशिव कोकजे, भजन गायक पद्मश्री अनूप जलोटा, सांसद शंकर लालवानी, स्पेशल डीजी वरुण कपूर ने दिया। उल्लेखनीय है कि राज सैनी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर केंद्रित की गई अब तक की सबसे बड़ी पेंटिंग है। पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से कला के क्षेत्र में सक्रिय राज सैनी ने अब तक देश के कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों के साथ मुलाकात, कार्यशैली, ऐतिहासिक फैसलों को पोर्ट्रेट के माध्यम से तैयार कर उन्हें भेंट किए हैं। रंग और कूची के माध्यम से कैनवास पर दिया आकार राज सैनी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में इस पेंटिंग को बनाने का निर्णय लिया। इस पेंटिंग को उन्होंने मूड्स ऑफ नरेन्द्र मोदी थीम पर तैयार किया, जिसमें प्रधानमंत्री के विभिन्न देशों में किए गए दौरे, प्रतिष्ठित व्यक्तियों से मुलाकात, कार्यशैली, ऐतिहासिक फैसलों को शामिल करते हुए उन्हें रंग और कूची के माध्यम से कैनवास पर आकार दिया। राज सैनी कहते हैं कि दो सौ फीट लंबी और पांच फीच चौड़ी इस पेंटिंग को बनाने में उन्हें दो वर्ष का समय लगा था, जिसमें उन्होंने कभी किसी दूसरे कलाकार का सहयोग नहीं लिया और अकेले ही यह पेंटिंग वर्ष 2016 में पूरी की। राज सैनी कहते हैं कि लगभग दो वर्ष पहले वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन की मुझे जानकारी मिली और मैंने इस पेंटिंग के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। समय-समय पर टीम के सदस्यों ने मेरे द्वारा भेजी गई तमाम जानकारियों को पुष्टि की और उसके बाद विभिन्न देशों के कुल 100 कलाकारों का चयन किया। मेरा चयन भारत में सबसे लंबी पेंटिंग बनाने की कैटेगरी में हुआ।

मध्यप्रदेश में खत्म होगा प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं का इंतजार, सीएम आज विद्यार्थियों को लैपटॉप वितरित करेंगे

भोपाल  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज शुक्रवार 4 जुलाई को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में लैपटॉप वितरित करेंगे। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री उदय प्रताप सिंह भी मौजूद रहेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग की प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना में मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत अथवा उससे अधिक अंक अर्जित करने वाले प्रति विद्यार्थी को 25 हजार रुपये की राशि लैपटॉप क्रय करने के लिये उनके बैंक खाते में अंतरित करेंगे। इस वर्ष 94 हजार 234 विद्यार्थियों को लैपटॉप के लिये 235 करोड़ 58 लाख 50 हजार रूपये की राशि दी जा रही है। कार्यक्रम में प्रदेश के 500 से अधिक विद्यार्थी और शिक्षक सहभागिता करेंगे। प्रदेश में पिछले वर्ष 2023-24 में 89 हजार 710 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के बैंक खातों में 224 करोड़ 27 लाख 50 हजार रुपये की राशि अंतरित की गयी थी। प्रदेश में यह योजना वर्ष 2009-10 से संचालित हो रही है। पिछले 15 वर्षों में इस योजना में 4 लाख 32 हजार 16 विद्यार्थियों के बैंक खातों में एक हजार 80 करोड़ 4 लाख रुपये की राशि प्रोत्साहन स्वरूप लैपटॉप के लिये अंतरित की जा चुकी है।  इस बारे में राज्य सरकार की तरफ से जारी प्रेसनोट के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग की इस प्रतिभाशाली विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत सालाना कार्यक्रम इस हफ्ते आयोजित होगा। जिसमें राज्य सरकार मप्र माध्यमिक शिक्षा मण्डल की 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75 प्रतिशत अथवा उससे ज्यादा अंक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को 25 हजार रुपए की राशि लैपटॉप खरीदने के लिए उनके बैंक खाते में ट्रांसफर करेगी। इस वर्ष इस योजना के अंतर्गत 94 हजार 234 विद्यार्थियों को लैपटॉप दिए जाने हैं, और इसके लिए सरकार कुल 235 करोड़ 58 लाख 50 हजार रूपए खर्च करेगी और यह रकम उनके खाते में ट्रांसफर करेगी। कार्यक्रम में प्रदेश के 500 से ज्यादा विद्यार्थी और शिक्षक मौजूद रहेंगे। प्रदेश में पिछले साल 2023-24 में 89 हजार 710 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के बैंक खातों में 224 करोड़ 27 लाख 50 हजार रुपए की राशि ट्रांसफर की गई थी। बता दें कि मध्य प्रदेश में यह योजना वर्ष 2009-10 से संचालित हो रही है। पिछले 15 वर्षों में इस योजना में 4 लाख 32 हजार 16 विद्यार्थियों के बैंक खातों में एक हजार 80 करोड़ 4 लाख रुपए की राशि प्रोत्साहन स्वरूप लैपटॉप के लिए ट्रांसफर की जा चुकी है। एक साल में दूसरी बार वितरण लैपटॉप(Laptop Distribution) के लिए राशि बांटने का काम साल में दूसरी बार है। 21 फरवरी को आयोजन हुआ था। इसमें 89 हजार 710 बच्चों राशि दी गई। ये वे बच्चे थे जिन्होंने 2024 में कक्षा बारहवीं पास की थी। अभी 2025 में परीक्षा पास करने वाले के लिए कार्यक्रम होगा। इसमें 94 हजार बच्चों को शामिल गया है। राजधानी के बच्चों की सूची विभाग को दे चुके हैं। बैंक खाते अपडेट कर बच्चों को सूचित कर दिया गया है।– नरेन्द्र अहिरवार, जिला शिक्षा अधिकार पिछले साल बांटे थे 224 करोड़ रुपए प्रदेश के 94 हजार छात्रों को 235 करोड़ रुपए बांटे जाएंगे। इनमें 10 करोड़ भोपाल के शामिल हैं। पिछले साल प्रदेश में 89 हजार 700 स्टूडेंट को राशि दी गई। उन्हें 224 करोड़ रुपए बांटे गए थे। योजना 2010 में शुरू हुई थी। पहले 85 प्रतिशत या इससे अधिक प्रतिशत लाने वाले बच्चों को फायदा दिया जाता था। बाद में दस प्रतिशत कम कर दिए गए।

नेशनल पार्क में घूमना हुआ महंगा, मोहन सरकार ने 10% बढ़ाई एंट्री शुल्क, विदेशी पर्यटकों को चुकानी होगी दोगुनी फीस

भोपाल एमपी में नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व में घूमना एक अक्टूबर से महंगा हो जाएगा। सरकार ने मौजूदा प्रवेश टिकट फीस में दस फीसदी की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। विदेशी पर्यटकों को भारतीय पर्यटकों की बजाय दोगुनी टिकट फीस देनी होगी।   मध्य प्रदेश में वन्यजीव प्रेमियों और पर्यटकों के लिए जरूरी खबर है। 1 अक्टूबर 2025 से नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व की एंट्री शुल्क 10% तक महंगी हो जाएंगी। मध्य प्रदेश सरकार हर 3 साल में यह शुल्क बढ़ाती है। भारतीय और विदेशी दोनों तरह के पर्यटकों को टिकट शुल्क में बढ़ोतरी के अनुरूप अधिक रकम चुकानी पड़ेगी। जबकि, विदेशी सैलानियों को पहले की तरह दोगुनी फीस देनी होगी। विदेशी सैलानियों पर भी असर वर्तमान में सोमवार से शुक्रवार तक छह पर्यटकों के समूह पर ₹2400 और शनिवार-रविवार को ₹3000 का शुल्क लिया जाता है। एक अक्टूबर के बाद इसमें 10% यानी ₹240 और ₹300 की बढ़ोतरी की जाएगी। यह केवल प्रवेश शुल्क है; इसमें जिप्सी का किराया शामिल नहीं होता, जो अलग से ₹2000 से ₹3500 तक पड़ता है। विदेशी पर्यटकों के लिए टिकट दर दोगुनी रहेगी, यानी वे इस बढ़ी हुई राशि का भी दुगना भुगतान करेंगे। बुकिंग केवल एमपी ऑनलाइन के माध्यम से प्रदेश सरकार ने साफ किया है कि सभी टाइगर रिजर्व और नेशनल पार्कों की बुकिंग एमपी ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ही की जाएगी। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और अनधिकृत टिकटिंग पर लगाम लगेगी। तीन महीने बंद रहेंगे सभी पार्क मध्यप्रदेश के सभी नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व 1 जुलाई से 30 सितंबर तक हर साल की तरह इस बार भी बंद रहेंगे। इसका प्रमुख कारण मानसून और वन्यजीवों का ब्रीडिंग सीजन है। भारी बारिश के कारण रास्ते खराब हो जाते हैं और नदी-नालों में पानी भर जाने से सफारी खतरनाक हो जाती है। यही कारण है कि वन विभाग हर साल इन तीन महीनों में पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा देता है। टिकट दरों में बढ़ोतरी का आधार राज्य सरकार ने 22 अक्टूबर 2024 को जारी एक अधिसूचना के तहत यह नीति बनाई थी, जिसमें कहा गया था कि प्रदेश के संरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश शुल्क में हर तीन साल में 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी। यही नीति अब वित्तीय वर्ष 2025-26 से लागू की जा रही है। इससे पहले इसी अधिसूचना के अंतर्गत मैहर के मुकुंदपुर वाइट टाइगर सफारी, भोपाल के वन विहार, और इंदौर के रालामंडल अभयारण्य की टिकट दरों में ₹5 की वृद्धि की गई थी। राज्य के प्रमुख टाइगर रिजर्व:     कान्हा टाइगर रिजर्व (मंडला-बालाघाट)     पेंच टाइगर रिजर्व (सिवनी-छिंदवाड़ा)     सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (होशंगाबाद)     बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (उमरिया)     संजय टाइगर रिजर्व (सीधी)     पन्ना टाइगर रिजर्व (पन्ना) इन सभी पार्कों में बढ़ी हुई दरें 1 अक्टूबर 2025 से लागू होंगी।

गुरु पूर्णिमा पर्व 10 जुलाई को, गायन-वादन एवं नृत्‍य से गुरु की महानता के प्रति आदर प्रकट करेंगे प्रतिष्ठित कलाकार

भोपाल ''गुरु पूर्णिमा'' भारत की एक महान सांस्कृतिक परंपरा है, जो गुरु-शिष्य संबंध को आदर और श्रद्धा के साथ मनाने का पर्व है। इस अवसर पर गुरु की महानता के प्रति आदर प्रकट करने के उद्देश्‍य से संस्‍कृति विभाग द्वारा 10 जुलाई, 2025 को गुरु पूर्णिमा पर्व का आयोजन वृहद स्‍तर पर किया जा रहा है।  संचालक, संस्‍कृति श्री एन.पी. नामदेव ने बताया कि गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भोपाल सहित संस्‍कृति विभाग के प्रदेश के विभिन्‍न शहरों में स्थित संगीत महावि‍द्यालयों में एक साथ गायन-वादन एवं नृत्‍य केन्द्रित आयोजन होंगे। भोपाल में मध्‍यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में 10 जुलाई, 2025 को सायं 7 बजे से ''गुरु पूर्णिमा पर्व'' का आयोजन होगा। इसमें सबसे पहले सितार-संतूर जुगलबंदी की प्रस्‍तुति होगी, जिसे उज्‍जैन की सुप्रसिद्ध संस्‍कृति-प्रकृति वाहने (वाहने सिस्‍टर्स) द्वारा प्रस्‍तुत किया जाएगा। इसके बाद गायन जुगलबंदी ''गुरु सुमिरन'' होगी, जिसे सुश्री रुचिरा केदार, पुणे एवं सुश्री आस्‍था गोस्‍वामी, वृंदावन द्वारा प्रस्‍तुत किया जाएगा।  संचालक श्री नामदेव ने बताया कि शासकीय संगीत महाविद्यालय, नरसिंहगढ़ में सुश्री मधुमिता नकवी, भोपाल का गायन और सुश्री पलक पटवर्धन, उज्‍जैन का कथक समूह नृत्‍य की प्रस्‍तुति होगी। शासकीय संगीत महाविद्यालय, उज्‍जैन में श्री रोहित – राहुल मिश्रा, बनारस का गायन और सुश्री दुर्गा शर्मा, बैंगलुरु का वायोलिन वादन होगा। इसी क्रम में शासकीय संगीत महाविद्यालय, ग्‍वालियर में श्री संजय सिंह, दिल्‍ली का गायन और सुश्री भार्गवी शर्मा, इंदौर का एकल कथक नृत्‍य होगा। वहीं, शासकीय संगीत महाविद्यालय, खण्‍डवा में डॉ. ऋषि मिश्रा, दिल्‍ली का गायन और श्री सुरेन्‍द्र स्‍वर्णकार, उज्‍जैन द्वारा बांसुरी वादन की प्रस्‍तुति दी जाएगी।  इसी तरह शासकीय संगीत महाविद्यालय, मंदसौर में सुश्री योगिनी – श्री सुदीप, ग्‍वालियर का गायन और श्री विठ्ठल कुमार राजपुरा, इंदौर का पखावज वादन होगा। शासकीय संगीत महाविद्यालय, मैहर में डॉ. लवली शर्मा, खैरागढ़ का सितार वादन और श्री मनोज पाटीदार, भोपाल का तबला एकल वादन होगा। शासकीय संगीत महाविद्यालय, इंदौर में श्री यश देवले, ग्‍वालियर का शास्‍त्रीय गायन और सुश्री नीलांगी कलंतरे, जबलपुर का कथक समूह नृत्‍य प्रस्‍तुति होगी। शासकीय संगीत महाविद्यालय, धार में श्री विजय सप्रे, भोपाल का शास्‍त्रीय गायन और डॉ. वी. अनुराधा सिंह, भोपाल की कथक समूह नृत्‍य की प्रस्‍तुति होगी। सभी कार्यक्रमों में प्रवेश नि:शुल्‍क रहेगा।