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वेतन वृद्धि की तैयारी? 8वें वेतन आयोग पर चर्चा तेज, कर्मचारियों को मिल सकती है बड़ी सौगात

नई दिल्ली करोड़ों सरकारी कर्मचारी और रिटायर्ड कर्मचारी 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. इस बीच एक खबर ने इनकी खुशी और बढ़ा दी है. द इकोनॉमिक टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में कहा है कि इस वेतन आयोग के लागू होने से कर्मचारियों की सैलरी (Employees Salary) 30 से 34 फीसदी तक बढ़ सकती है.  ब्रोकरेज फर्म एम्बिट कैपिटल ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि वेतन और पेंशन में 30-34% की वृद्धि कर सकता है, जिससे लगभग 1.1 करोड़ लोगों को लाभ होगा. नया वेतनमान जनवरी 2026 से लागू होने की उम्‍मीद है, लेकिन इसके लिए पहले वेतन आयोग की रिपोर्ट तैयार करनी होगी, फिर सरकार को भेजनी होगी और उसे मंजूरी देनी होगी. अभी तक सिर्फ ऐलान ही हुआ है. आयोग का अध्‍यक्ष कौन होगा और उसका कार्यकाल क्‍या होगा? अभी ये फैसला होना बाकी है.  किसे मिलेगा ये लाभ? 8th Pay Commission से लगभग 1.1 करोड़ लोगों को लाभ मिल सकता है, जिनमें करीब 44 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और लगभग 68 लाख पेंशनर्स हैं. 8वां वेतन आयोग लागू होने के बाद कर्मचारियों की बेसिक सैलरी, भत्ते और रिटायरमेंट बेनिफिट में ग्रोथ होगी.  क्‍या होता है फिटमेंट फैक्‍टर?  नए वेतन तय करने का एक खास हिस्‍सा फिटमेंट फैक्‍टर है, यह वह संख्‍या है जिसका यूज मौजूदा बेसिक सैलरी को गुणा करके नई सैलरी तय किया जाता है. उदाहरण- सातवें वेतपन आयोग ने 2.57 के फैक्‍टर का इस्‍तेमाल किया था. उस समय इसने मिनिमम बेसिक सैलरी  7,000 रुपये से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति माह कर दिया था. रिपोर्ट कहती है कि इस बार फिटमेंट फैक्‍टर 1.83 और 2.46 के बीच हो सकता है. कर्मचारियों और पेंशनर्स को कितनी बढ़ोतरी मिलेगी, इसमें सटीक आंकड़ा अहम भूमिका निभाएगा.  क्‍या रहा है सैलरी बढ़ोतरी का इतिहास?  पिछले वेतन आयोगों ने कई लेवल पर सैलरी ग्रोथ दिखाई है. 6वें वेतन आयोग (2006) ने कुल वेतन और भत्तों में लगभग 54% की ग्रोथ दी थी. इसके बाद 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया, तब बेसिक सैलरी में 14.3% और अन्‍य भत्ते जोड़ने के बाद पहले साल में करीब 23 फीसदी की ग्रोथ दिखाई थी.  कैसे किया जाता है सैलरी का कैलकुलेशन?  एक सरकारी कर्मचारी की सैलरी में मूल वेतन, महंगाई भत्ता (डीए), मकान किराया भत्ता (एचआरए), परिवहन भत्ता (टीए), और अन्य छोटे-मोटे लाभ शामिल होते हैं. समय के साथ, मूल वेतन का हिस्सा कुल पैकेज के 65% से घटकर लगभग 50% रह गया है और अन्य भत्तों का हिस्सा इससे भी ज्‍यादा हो गया है. इन सभी को जोड़कर ही मंथली सैलरी दी जाती है. पेंशनर्स के लिए भी इसी तरह के बदलाव देखने को मिलेंगे. हालांकि HRA या TA नहीं दिया जाएगा. 

केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर : लेवल 1 से 10 तक सरकारी कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी 8वें वेतन आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति और टर्म्स ऑफ रेफरेंस (टीओआर) को अंतिम रूप दिए जाने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। 1.2 करोड़ से अधिक केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगी अपने वेतन और पेंशन में संशोधन का इंतजार कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा इस वर्ष की शुरुआत में अप्रूव्ड 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (CPC) के 2027 के आसपास लागू होने की उम्मीद है। इससे पूरे भारत में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव होगा। हालांकि, आधिकारिक टर्म्स ऑफ रेफरेंस, अध्यक्ष और आयोग के सदस्यों की घोषणा अभी तक नहीं की गई है। 8वां वेतन आयोग क्या है? वेतन आयोग भारत सरकार द्वारा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे को संशोधित करने के लिए आयोजित एक आवधिक अभ्यास है। यह न केवल सरकारी कर्मचारियों के मूल वेतन और भत्तों को प्रभावित करता है, बल्कि पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों को भी प्रभावित करता है। 8वां वेतन आयोग 7वें सीपीसी की जगह लेगा, जिसे 2016 में लागू किया गया था। सीपीसी की सिफारिशों के मूल में पे मैट्रिक्स है, एक ऐसी सिस्टम जो सर्विस के स्तरों और सालों के आधार पर सैलरी तय करती है। फिटमेंट फैक्टर, जो नए मूल वेतन पर पहुंचने के लिए मौजूदा वेतन को गुणा करता है, को 2.57 (7वें सीपीसी के तहत) से बढ़ाकर 8वें सीपीसी के तहत 2.86 किए जाने की उम्मीद है। कितनी बढ़ सकती है सैलरी उदाहरण के लिए, वेतन लेवल 1 के कर्मचारी, जो वर्तमान में ₹18,000 का मूल वेतन कमा रहे हैं, उन्हें ₹51,480 तक का लाभ हो सकता है। वहीं, लेवल 2 के कर्मचारियों को ₹19,900 से ₹56,914 तक का लाभ हो सकता है। लेवल 3 के कर्मचारियों को ₹21,700 से बढ़कर ₹62,062 मिल सकते हैं। लेवल 6 पर, मूल वेतन ₹35,400 से बढ़कर ₹1 लाख से अधिक हो सकता है, जबकि एंट्री लेवल के IAS और IPS अधिकारियों सहित स्तर 10 के अधिकारियों को ₹56,100 से ₹1.6 लाख तक का लाभ हो सकता है। 8th Pay Commission: केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। 8वां वेतन आयोग जल्द लागू हो सकता है। जनवरी 2025 में इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है। ऐसी उम्मीद है कि ये 2026 या 2027 की शुरुआत में लागू कर दिया जाएगा। हालांकि अभी आयोग के सदस्य, चेयरमैन और उसकी टर्म्स ऑफ रेफरेंस का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन इसकी घोषणा से ही कर्मचारियों में सैलरी को लेकर चर्चा है। 8वें वेतन आयोग में नई सैलरी का कैलकुलेशन फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) के जरिये होगी। यहां जानिये अलग-अलग लेवल पर कितनी सैलरी बढ़ेगी। फिटमेंट फैक्टर क्या होता है? फिटमेंट फैक्टर वह मल्टीपल (multiplier) होता है जिसे मौजूदा बेसिक सैलरी में गुणा किया जाता है, ताकि नई सैलरी निकाली जा सके। 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.57 था, जिससे बेसिक पे 7,000 रुपये से बढ़कर 18,000 रुपये हुआ। 8वें वेतन आयोग में यह 2.86 होने की उम्मीद है, जिससे बेसिक पे में बड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। यानी, अगर किसी की बेसिक सैलरी अभी 18,000 रुपये है, तो 2.86 के गुणा से यह बढ़कर 51,480 रुपये हो सकती है। हालांकि, नेट सैलरी इससे थोड़ी कम हो सकती है, क्योंकि PF, टैक्स जैसी कटौतियां भी होती हैं। अलग-अलग लेवल पर अनुमानित सैलरी बढ़ोतरी 8वें वेतन आयोग के तहत अलग-अलग लेवल पर कर्मचारियों की अनुमानित सैलरी में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। लेवल-1 पर काम करने वाले कर्मचारियों की मौजूदा बेसिक सैलरी 18,000 रुपये है, जो बढ़कर करीब 51,480 रुपये हो सकती है। यानी उन्हें 33,480 रुपये का अनुमानित इजाफा मिलेगा। लेवल-2 के कर्मचारियों की मौजूदा सैलरी 19,900 रुपये है, जो बढ़कर लगभग 56,914 रुपये हो सकती है। इस तरह, उनकी सैलरी में 37,014 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। लेवल-3 में शामिल कर्मचारियों की वर्तमान सैलरी 21,700 रुपये है, जो नए आयोग में बढ़कर 62,062 रुपये हो सकती है। इसका मतलब है कि उन्हें 40,362 रुपये तक का फायदा मिलेगा। लेवल 4 से लेवल-6 – के सब-इंस्पेक्टर या जूनियर इंजीनियर जैसे कर्मचारियों की सैलरी 35,400 रुपये से बढ़कर लगभग 1,01,244 रुपये हो सकती है, यानी 65,844 रुपये की बढ़ोतरी। वहीं लेवल 7 से 10 तक औसत अधिकारियों की बेसिक सैलरी 56,100 रुपये से बढ़कर 1,60,446 रुपये हो सकती है। यानी उन्हें 1,04,346 रुपये का अनुमानित फायदा हो सकता है। इसमें  IAS, IPS जैसे ग्रुप के अधिकारी आते हैं। यह अनुमान फिटमेंट फैक्टर 2.86 के आधार पर लगाया गया है, और अंतिम फैसला सरकार की सिफारिशों के बाद तय होगा। कौन-कौन कर्मचारी किस लेवल में आते हैं? लेवल 1: चपरासी, अटेंडेंट, मल्टी-टास्किंग स्टाफ (MTS) लेवल 2: लोअर डिवीजन क्लर्क (LDC) लेवल 3: कांस्टेबल, ट्रेड स्टाफ लेवल 4: स्टेनोग्राफर ग्रेड D, जूनियर क्लर्क लेवल 5: सीनियर क्लर्क, तकनीकी सहायक लेवल 6: इंस्पेक्टर, सब-इंस्पेक्टर, जूनियर इंजीनियर लेवल 7: अधीक्षक, सेक्शन ऑफिसर, असिस्टेंट इंजीनियर लेवल 8: सीनियर सेक्शन ऑफिसर, ऑडिट ऑफिसर लेवल 9: डिप्टी एसपी, अकाउंट्स ऑफिसर लेवल 10: IAS, IPS, IFS जैसे ग्रुप-A अधिकारी हालांकि ये सभी आंकड़े फिलहाल अनुमानित हैं, लेकिन सरकार की तरफ से जब 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें सार्वजनिक होंगी, तो स्थिति पूरी तरह साफ हो पाएगी।