मध्यप्रदेश के 40 हजार बैंककर्मी आज हड़ताल पर, 8500 शाखाओं में काम ठप

भोपाल  बुधवार को मध्य प्रदेश में 40 हजार बैंककर्मी ने हड़ताल शुरू कर दी है। यह हड़ताल अपनी 17 विभिन्न सूत्रीय मांगों के समर्थन को लेकर हो रही हैं। वहीं इससे राज्य की करीब साढ़े आठ हजार ब्रांच के कामों पर असर पड़ेगा। ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन और बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया ने केंद्रीय श्रमिकों की मांगों को समर्थन करते हुए बैंकिंग उद्योग और बैंक कर्मियों ने अखिल भारतीय बैंक बंद करने का आह्वान किया है।  हड़ताल जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ भी हो रही है। मीडिया खबरों के मुताबिक, जिन मांगों को लेकर कर्मचारी हड़ताल पर आए हैं। उनमें केंद्रीय श्रमिक संगठनों की निराकरण की मांग, बैंकिंग सेक्टर और एलआईसी में निजीकरण सहित विनिवेश के रोकने। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियां बैंकों को मजबूत करने। बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई बढ़ोतरी रोकी जाए। पर्याप्त भर्ती निकालने के संबंध में, एनपीएस को रोकने एवं ओपीएस को बहाल समेत कई अन्य मांगे भी हैं। इसको लेकर ट्रेड यूनियन संयुक मोर्चा के प्रवक्ता वीके शर्मा ने कहा कि केंद्रीय श्रमिक संगठनों और स्वतंत्र ट्रेड यूनियन ने केंद्र सरकार की जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी 17 सूत्रीय मांगे के समाधान के लिए राष्ट्रीयव्यापी हड़ताल करेंगे। एक तरफ जहां बिहार में विपक्षी पार्टियों ने आज भारत बंद बुलाया है। वहीं दूसरी तरफ देशभर में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के करीब 25 करोड़ कर्मचारी और मजदूरों संगठन संगठनो जे जुड़े लोग हड़ताल पर रहेंगे। इसी बीच मध्यप्रदेश में बुधवार को 40 हजार बैंककर्मी अपनी मांगों लेकर सड़क पर उतरे हैं। एमपी में बैंक कर्मी अपनी 17 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल की है। जिसकी वजह से प्रदेश की करीब साढ़े 8 हजार शाखाओं का कामकाज प्रभावित रहेगा। एमपी में इन मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे बैंककर्मी     बीमा क्षेत्र में 100% एफडीआई बढ़ोतरी रोका जाना चाहिए।     केंद्रीय श्रमिक संगठनों की मांगों का जल्द निराकरण किया जाए।     सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों को मजबूत करें।     बैंकों और एलआईसी में निजीकरण और विनिवेश रोके।     सार्वजनिक क्षेत्र की सामान्य बीमा कंपनियों को एक इकाई के रूप में विलय करें।     पर्याप्त भर्तियां सुनिश्चित करें।     आउटसोर्सिंग और अनुबंध नौकरियों को रोक लगाएं।     एनपीएस को खत्म करें, ओपीएस को बहाल करें जल्द।     कॉर्पोरेट्स से खराब ऋण वसूलने के लिए कड़े कदम उठाएं जाएं।     प्रतिगामी श्रम संहिताओं को लागू न करें।      ट्रेड यूनियन अधिकारों का उल्लंघन न करें।      बैंक कर्मियों की लंबित मांगों का निराकरण शीघ्र किया जाए।     आम ग्राहकों के लिए बैंकों में सेवा शुल्क कम करें।     जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी वापस लें। एमपी में कौन-कौन से विभाग कर रहे हड़ताल बता दें कि इस हड़ताल से प्रदेश की करीब 8 हजार बैंक शाखाओं का कामकाज प्रभावित रहेगा। स्ट्राइक करने वाले संगठनों में ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, बैंक एम्पलाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया ने केंद्रीय श्रमिक संगठनों की मांगों का समर्थन करते हुए बैंकिंग उद्योग एवं बैंककर्मियों की मांगों को लेकर अखिल भारतीय बैंक हड़ताल का आह्वान किया है। यानि जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ और बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थानों की तरफ से यह हड़ताल की जा रही है। भोपाल में कौन-कौन से बैंक रहेंगे बंद? वहीं अगर बात राजधानी यानि भोपाल शहर की बात की जाए तो यहां निजी, विदेशी, सहकारी एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 40 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर हैं। जिसकी वजह से भोपाल की 400 बैंक शाखाओं के काम पर असर रहेगा। यानि भोपाल में भी हड़ताल का असर देखने को मिलेगा। भोपाल में 400 शाखाएं, 5 हजार बैंककर्मी राष्ट्रव्यापी बैंक हड़ताल में सार्वजनिक, निजी, विदेशी, सहकारी एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के 40 हजार से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे। इससे बैंकों का कामकाज ठप रहेगा। भोपाल में भी हड़ताल का असर देखने को मिलेगा। यहां विभिन्न बैंकों की 400 शाखाएं हैं। जहां 5 हजार अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे। ट्रेड यूनियन संयुक्त मोर्चा के प्रवक्ता वीके शर्मा ने बताया- केंद्रीय श्रमिक संगठनों और स्वतंत्र ट्रेड यूनियंस ने केंद्र सरकार की जन एवं श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ, अपनी 17 सूत्रीय मांगों के निराकरण के लिए यह राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। 

9 जुलाई को बैंक कर्मचारी करेंगे हड़ताल, बीमाकर्मी भी शामिल होंगे

कोलकाता  ट्रेड यूनियनों का कहना है कि देशभर में मजदूरों के अधिकारों पर हमले हो रहे हैं। साथ ही केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियां भी ठीक नहीं है। इनके खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आगामी नौ जुलाई को आम हड़ताल का आह्वान किया है। इसके समर्थन में मजदूर संगठनों, किसान संगठनों और महागठबंधन के घटक दल भी सामने आ रहे हैं। अब बैंक कर्मचारियों के एक संगठन ने भी कहा है कि वे इस हड़ताल में शामिल होंगे। यदि ऐसा हुआ तो आगामी बुधवार को आपको बैंकिंग सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है। कहां से आई जानकारी बंगाल प्रोविंशियल बैंक एम्प्लॉइज एसोसिएशन (Bengal Provincial Bank Employees Association), जो AIBEA से जुड़ा है, ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि AIBEA, AIBOA और BEFI जैसे बैंकिंग सेक्टर के ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को आम हड़ताल में शामिल होने का फैसला किया है। बीमा क्षेत्र में भी हड़ताल? एसोसिएशन ने एक बयान में यह भी कहा कि बीमा क्षेत्र (insurance sector) ने भी हड़ताल में शामिल होने का निर्णय लिया है। संगठन के अनुसार, बैंकिंग और अन्य वित्तीय क्षेत्रों में हड़ताल पूरी तरह से सफल रहेगी। हड़ताल पर 15 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी बैंक कर्मचारियों के यूनियन ने दावा किया है कि इस हड़ताल में 15 करोड़ से ज़्यादा कर्मचारी भाग लेंगे। वे सरकार की "प्रो-कॉर्पोरेट आर्थिक सुधारों और एंटी-लेबर नीतियों" का विरोध करेंगे। इसका मतलब है कि कर्मचारी सरकार की उन नीतियों से नाराज़ हैं जो कंपनियों को फायदा पहुंचाती हैं और श्रमिकों के खिलाफ हैं। कर्मचारी सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं।