News Aazad Bharat

शेयर बाजार ने दिखाई मजबूती, ट्रंप की धमकियां और टैरिफ भी नहीं डिगा सके भरोसा

मुंबई डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर लगाए गए 25 फीसदी के टैरिफ को बुधवार को बढ़ाकर 50 फीसदी कर दिया. इसका कोई बड़ा असर गुरुवार को शेयर बाजार में देखने को नहीं मिला. हालांकि, सेंसेक्स-निफ्टी दोनों इंडेक्स गिरावट के साथ लाल निशान पर जरूर ओपन हुए. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स जहां खुलते ही 250 अंक से ज्यादा टूटा और फिर अचानक रिकवरी मोड में नजर आने लगा, तो निफ्टी ने भी मामूली गिरावट के साथ कारोबार की शुरुआत की. हालांकि, ट्रंप के टैरिफ का डर सिर्फ बाजार ही नहीं, बल्कि भारतीय करेंसी रुपया पर भी नहीं दिखा और ये डॉलर के मुकाबले तेजी के साथ ओपन हुआ. Rupee, अमेरिकी डॉलर की तुलना में 3 पैसे की बढ़त के साथ 87.69 पर ओपन हुआ. ट्रंप टैरिफ के डर से बेअसर बाजार ट्रंप के भारत पर टैरिफ बढ़ाने के बाद शेयर बाजार की शुरुआत सुस्ती के साथ हुई. सेंसेक्स अपने पिछले बंद 80,543.99 की तुलना में 80,262 पर ओपन हुआ, लेकिन फिर तेज रिकवरी मोड में नजर आया और कुछ ही मिनटों में ट्रंप के टैरिफ डर को दरकिनार करते हुए 80,421 पर ट्रेड करने लगा. निफ्टी की भी चाल सेंसेक्स की तरह ही रही और ये भी 24574 के अपने पिछले बंद की तुलना में बेहद मामूली गिरावट के साथ 24,464 पर खुला और फिर अचानक 24,542 पर पहुंच गया. इसकी चाल देखकर ऐसा नहीं लगता कि Trump Tarifff का बाजार में कोई डर है. 1433 शेयर गिरावट में खुले शेयर मार्केट में कारोबार की शुरुआत होने पर 751 कंपनियों के शेयरों ने गिरावट के साथ लाल निशान पर कारोबार की शुरुआत की थी, तो वहीं 1433 कंपनियों के स्टॉक्स ने गिरावट के साथ लाल निशान पर कारोबार शुरू किया. इसके अलावा 150 शेयरों की स्थिति में किसी भी तरह का कोई बदलाव देखने को नहीं मिला. शुरुआती कारोबार में जिन शेयरों में तेज गिरावट आई, उनमें Kotak Mahindra Bank, Tata Steel, SBI, Coal India और Jio Financial शामिल रहे. इसके अलावा जो शेयर ट्रंप के टैरिफ के बावजूद उछाल मारते नजर आए, उनमें Hero MotoCorp, Cipla, Bajaj Finserv, Maruti Suzuki, JSW Steel शामिल थे. एक्सपर्ट भी सीमित असर का जता रहे थे अनुमान शेयर बाजार में एक्सपर्ट्स के अनुमानों के मुताबिक ही 50% टैरिफ का मामूली असर देखने को मिल रहा है. बता दें कि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि बाजार अब ट्रंप टैरिफ में उतार-चढ़ाव के असर को पूरी तरह से समझ चुका है और बाजार में यह गिरावट सीमित रहेगी, इसके पीछे की एक बड़ी वजह ये भी है कि भारतीय बाजारों में इससे भी खराब स्थिति का सामना भी किया है और इंडेक्स पहले से ही ओवरसोल्ड स्थिति में हैं. इन 10 शेयरों में तूफानी तेजी बाजार में शेयरों की चाल पर नजर डालें, तो टैरिफ के डर से बेअसर लार्जकैप कंपनियों में शामिल ITC, Titan, Trent जैसे शेयर ग्रीन जोन में ट्रेड कर रहे थे. इसके अलावा मिडकैप कैटेगरी में शामिल Lupin Share (4.50%), Tornt Power Share (2%) और Coforge Share (1.95%) की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे. स्मॉलकैप कंपनियों में Rain Share (10.25%), ITI Ltd Share (6.65%), Kirlosker Brothers Share (5.75%), Data Matics Share (5.52%) की उछाल के साथ ट्रेड कर रहे थे.

25% आयात शुल्क पर फिलहाल रोक, ट्रंप का फैसला एक हफ्ते टला — जानें अगली डेट

नई दिल्ली अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर बुधवार को 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जो 1 अगस्‍त यानी आज से प्रभावी होने वाला था. लेकिन अब इसे एक सप्‍ताह के लिए टाल दिया गया है. अमेरिका की ओर से जारी किए गए नए निर्देश में अब ये टैरिफ 7 दिन बाद भारत समेत बांग्‍लादेश, ब्राजील और अन्‍य देशों पर लगाया जाएगा, जो 7 अगस्‍त 2025 से प्रभावी होगा. बुधवार को डोनाल्‍ड ट्रंप ने अचानक से भारत समेत कई देशों पर टैरिफ का ऐलान करते हुए दुनिया में फिर से हलचल मचा दी थी. भारत पर 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान करते हुए ट्रंप ने कहा था कि व्‍यापार बाधा को दूर करने के लिए ये टैरिफ लगाया जा रहा है. इसके अलावा, जुर्माने का भी ऐलान किया गया था, जो रूस से तेल और डिफेंस प्रोडक्‍ट्स खरीदने के कारण है. हालांकि अभी अमेरिका ने नए आदेश के तहत सभी देशों पर लगने वाले टैरिफ को 1 सप्‍ताह के लिए टाल दिया है यानी अब टैरिफ लगने की नई डेडलाइन 7 अगस्‍त हो चुकी है. देशहित में हर संभव कदम! जिसपर भारत ने बिना कोई जवाबी कार्रवाई के सीधे शब्‍दों में कहा कि देशहित में हर संभव कार्रवाई की जाएगी. वहीं एक सरकारी अधिकारी ने कहा था कि भारत नेगोशिएशन टेबल पर अमेरिका के टैरिफ का जवाब देगा. लोकसभा में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा था कि बात 10 से 15 फीसदी टैरिफ को लेकर हुई है. उन्‍होंने कहा था कि टैरिफ को लेकर देशहित में हर संभव कार्रवाई की जाएगी.  अमेरिका क्या चाहता है? भारत पर अतिर‍िक्‍त दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका ने टैरिफ लगा रहा है. वह चाहता है कि जल्‍द से जल्‍द भारत अपने एग्रीकल्‍चर और डेयरी सेक्‍टर्स से समझौता करके डील कर ले, लेकिन भारत इसपर राजी नहीं है. भारत का कहना है कि किसी भी सूरत में वह अपने कृषि और डेयरी सेक्‍टर्स को अमेरिका के लिए नहीं खोल सकता.  अमेरिका भारत से अपने कृषि और डेयरी उत्पादों, खासकर (नॉन-वेज मिल्क) और जेनेटिकली मोडिफाइड (जीएम) फसलों के लिए बाजार खोलने और इन पर टैरिफ कम की डिमांड कर रहा है, जिस कारण अभी व्‍यापार डील नहीं हो पा रही है. अमेरिका इसमें 100 फीसदी टैरिफ से छूट चाहता है. भारत क्‍यों नहीं मानना चाहता यूएस की बात? भारत में दूध को धार्मिक और सांस्‍कृतिक तौर पर पवित्र माना जाता है और मांसाहारी चारा खाने वाले मवेशियों से मिले दूध (नॉनवेज मिल्‍क)  को अनुमति देना भारत के लिए स्‍वीकार्य नहीं है. भारत चाहता है कि दोनों देशों के बीच एक संतुलित सौदा हो, जो 140 करोड़ लोगों, खासकर 70 करोड़ किसानों के हितों की रक्षा हो. खाद्य सुरक्षा, किसानों के हित, और रणनीतिक स्वायत्तता को प्रमुखता पर रखना चाहता है. साथ ही अमेरिकी बाजार में बेहतर पहुंच की उम्‍मीद कर रहा है.