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खाद्य मंत्री राजपूत ने नुकसान का आंकलन कर सर्वे कार्य शीघ्र पूर्ण करने और मुआवजा वितरण करने के दिए निर्देश

संकट की घड़ी में साथ खड़ी है सरकार, अतिवर्षा से प्रभावितों को मिलेगी हर संभव मदद : खाद्य मंत्री राजपूत बाढ़ प्रभावितों से मिलने गुना पहुंचे खाद्य मंत्री, प्रभावित इलाके के नागरिकों से की मुलाकात खाद्य मंत्री राजपूत ने नुकसान का आंकलन कर सर्वे कार्य शीघ्र पूर्ण करने और मुआवजा वितरण करने के दिए निर्देश भोपाल खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री एवं गुना जिले के प्रभारी मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने शुक्रवार को प्रभार के  जिले गुना के ग्राम फतेहगढ़ में अतिवर्षा एवं बाढ़ से प्रभावित लोगों से भेंट कर हालचाल जाना और भरोसा दिलाया कि प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि शासन स्तर पर सभी प्रकार की क्षति का शत-प्रतिशत सर्वे कराकर मुआवजा राशि दिलाई जाएगी। खाद्य मंत्री ने शासकीय बालक आदिवासी आश्रम, फतेहगढ़ में स्थानीय जनों से चर्चा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया स्वयं स्थिति की सतत निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के आवास, फसल, घरेलू सामग्री और अन्य संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, उसका सर्वे कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। सर्वे उपरांत प्रत्येक प्रभावित परिवार को 50-50 किलो गेहूं उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही खराब हुई सड़कों की शीघ्र मरम्मत कराई जाएगी। राजपूत ने मौके पर उपस्थित अधिकारियों से बिजली, पानी और राशन वितरण की स्थिति की जानकारी ली तथा सर्वे कार्य शीघ्र पूर्ण कर मुआवजा वितरण के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सरकार संकट की इस घड़ी में प्रभावितों के साथ है और कोई भी पीड़ित सहायता से वंचित नहीं रहेगा। इस अवसर पर पूर्व मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया,  जनप्रतिनिधि कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल, पुलिस अधीक्षक अंकित सोनी, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक दुबे सहित  अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।  

अपात्र एवं अस्तित्वहीन हितग्राहियों का मौके पर सत्यापन, नाम हटाने के लिये 1 से 15 जुलाई तक विशेष अभियान

भोपाल  खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अंतर्गत सम्मिलित पात्र हितग्राहियों की पहचान सुनिश्चित कर वास्तविक हितग्राहियों को राशन वितरण करने के लिये हितग्राहियों की ई-केवायसी करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया है कि शेष हितग्राहियों की ई-केवायसी कराने तथा मृत तथा अपात्र एवं अस्तित्वहीन हितग्राहियों का मौके पर सत्यापन के बाद उनका नाम हटाने के लिये 1 से 15 जुलाई तक विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिये गये हैं। गौरतलब है कि अभी तक कुल पात्र हितग्राही 5 करोड़ 32 लाख 42 हजार में से 4 करोड़ 75 लाख 66 हजार हितग्राहियों के ई-केवायसी किये जा चुके हैं। इनमें 2 लाख 36 हजार हिताग्राहियों के नाम विलोपित किये गये हैं। इनमें से 54 लाख 40 हजार की ई-केवायसी किया जाना शेष है। भारत सरकार द्वारा निर्धारित समय-सीमा में ई-केवायसी कराने के लिये जून माह में ई-केवायसी से शेष परिवारों को ई-केवायसी के बाद राशन वितरण की व्यवस्था की गई है। ई-केवायसी से शेष हितग्राहियों का घर-घर जाकर सत्यापन करने के लिये वार्ड प्रभारी/पंचायत सचिव/रोजगार सहायक की ड्यूटी लगाने के निर्देश कलेक्टर्स को दिये गये हैं। ई-केवायसी से शेष हितग्राहियों की सूची उचित मूल्य दुकान/ग्राम पंचायत/वार्ड कार्यालय पर चस्पा की जाएगी। मौके पर उपलब्ध एवं पात्र हितग्राहियों को उचित मूल्य दुकान पर जाकर अथवा “मेरा राशन” एप पर फेस एथेंटिकेशन के माध्यम से ई-केवायसी करने के लिये अवगत कराने और हितग्राही के आधार नंबर में दर्ज नाम, मोबाइल नंबर त्रुटिपूर्ण होने एवं बायोमेट्रिक डाटा अपडेट न होने पर आधार केम्प में जाकर डाटा अपडेट कराने के निर्देश दिये गये हैं। पात्र हितग्राही द्वारा उचित मूल्य दुकान पर ई-केवायसी कराने पर आगामी दिवस में पात्रतानुसार राशन प्राप्त किया जा सकेगा। कलेक्टर्स को निर्देश दिये गये हैं कि ग्राम/वार्ड में सत्यापन के लिये नियत दिनांक की सूचना एक दिन पूर्व हितग्राहियों को विभिन्न माध्यमों से उपलब्ध कराई जाए। ई-केवायसी की मॉनीटरिंग के लिये अनुभाग एवं जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए, जिसमें सत्यापन दल द्वारा प्रतिदिन की कार्यवाही की जानकारी ली जाए। साथ ही पात्र ई-केवायसी करने में आने वाली समस्याओं का निराकरण किया जाए। शेष हितग्राहियों के ई-केवायसी करने एवं अपात्र/मृत/स्थाई पलायन/दोहरे हितग्राहियों का विलोपन घर-घर जाकर सत्यापन अभियान के संबंध में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों को भी अवगत कराया जाए। शेष हितग्राहियों के ई-केवायसी कराने का अभियान समाप्त होने तक भी ई-केवायसी नहीं होती है, तो यह समझा जाएगा कि या तो व्यक्ति अस्तित्व में नहीं है या फिर उसे राशन की आवश्यकता नहीं है। ऐसी स्थिति में उनके नाम को सूची से विलोपन की कार्यवाही पर विचार किया जा सकेगा।