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खंडवा में गुरु पूर्णिमा पर सत्कार की परंपरा जीवंत, ‘अतिथि देवो भव:’ भाव से हो रहा स्वागत

 खंडवा  खंडवा निमाड़ की वह धरती है जहां पर पत्रकारिता के माखनलाल चतुर्वेदी , कलाकार किशोर कुमार और खंडवा के सबसे बड़े दादाजी केशवानंद महाराज हरिहरानंद महाराज कि यहां पर समाधि है जहां पर लाखों की संख्या में गुरु पूर्णिमा पर दादा जी महाराज के भक्त हजारों किलो .मीटर से नंगे पांव निशान रथ लेकर दर्शन के लिए खंडवा पहुंचते हैं दादाजी महाराज के दरबार में वही पर भक्तों के  लिए निशुल्क खंडवा पहुंचने पर अनेक प्रकार के भोजन के लिए स्टॉल लगाए जाते हैं और खंडवा शहर के तमाम लोगों द्वारा भक्ति भाव से 2 दिन तक आने वाले लाखों की संख्या में भक्तों की सेवा करते हैं और यहां तक पूरा खंडवा शहर भक्ति भाव में डूब जाता है और बडे पैमाने पर भंडारे भी किए जाते हैं लेकिन इस बीच एक अनोठी भक्ति भी देखने को मिली जहां पर एक भक्त 12 से अधिक प्रजाति के फूल और फल वाले पौधे भी बांटते नजर आया जहां पर हर एक श्रद्धालु लाइन में लगकर पौधे लेते नजर आए गुरु पूर्णिमा के मौके पर खंडवा में अतिथि देवो भव: की परंपरा निभाई जा रही है। दादा जी धूनीवाले के दरबार में आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसका यहां पूरा ध्यान रखा जा रहा है। यहां आने वालों के लिए खाना-पीना पूरी तरह से फ्री है। यहां 500 से ज्यादा भंडारों में नाश्ता-भोजन परोसा जा रहा है। हर पंडाल में खाने को कुछ अलग है। यानी कह सकते हैं कि यहां 56 प्रकार के व्यंजन भक्तों को परोसे जा रहे हैं। इन भंडारों को मजदूर, हम्माल, अफसर-कर्मचारी से लेकर कारोबारी तक संचालित कर रहे हैं। रोचक है भंडारे के शुरुआत की कहानी भंडारे के शुरुआत की कहानी भी बहुत रोचक है। यहां रहने वाले बताते हैं कि 34 साल पहले अतिथि देवो भव: की परंपरा की शुरुआत एक घटना से हुई थी। पहले बाहर से आए भक्त भोजन के लिए होटल पर निर्भर रहते थे। इस दौरान 1991 में एक भक्त यहां दादाजी दरबार दर्शन करने पहुंचा, उसके पास रुपए नहीं थे। भूख लगी तो होटल में खाना खाने पहुंचा। यहां दुकानदार ने भक्त को अपमानित किया। यहां मौजूद दादा जी के भक्तों ने यह देखा, उन्हें अच्छा नहीं लगा। इसके बाद 1992 से यहां भंडारे की शुरुआत हुई, जो अब सैकड़ों स्टॉल तक पहुंच चुका है। कुंभ में भंडारा देख खंडवा में की शुरुआत गणेश गोशाला समिति के सचिव रामचंद्र मौर्य ने बताया कि गुरु पूर्णिमा पर बड़ी संख्या में भक्त निशान लेकर दादा जी के दरबार में पहुंचते हैं। सबसे बड़ी तादाद में छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, महाराष्ट्र और गुजरात के भक्तों की आवाजाही रहती है। इनकी भक्ति को देखकर पूरा शहर इनकी सेवा और सत्कार के लिए उमड़ता है। शहर में बजरंग दल ने 34 साल पहले दादाजी मंदिर के पास भंडारा शुरू किया था। जिले से बजरंग दल के 2300 कार्यकर्ता 1992 में उज्जैन कुंभ मेले गए थे, तब वहां श्रद्धालुओं को चाय, पोहे व प्रसादी भंडारे में दी जा रही थी। वहीं से प्रेरणा लेकर खंडवा में भंडारों की शुरुआत हुई। एक भंडारा शुरू होने के बाद इनकी संख्या 4 से 5 हुई। आज शहर में 500 से अधिक भंडारों में पूड़ी-सब्जी से लेकर 56 से भी ज्यादा पकवान परोसे जाते हैं। कई सदस्यों की दूसरी पीढ़ी कर रही भंडारों में सहयोग कमल यूथ क्लब के सतनाम सिंह होरा ने बताया कि क्लब द्वारा पहले जय अंबे चौक पर फरियाली खिचड़ी का वितरण किया जाता था, लेकिन भोजन की व्यवस्था नहीं होने पर क्लब ने भी श्रद्धालुओं के लिए भंडारे की व्यवस्था शुरू की। क्लब में ऐसे सदस्य भी हैं, जिनकी दूसरी पीढ़ी भंडारे में सहयोग कर रही है। क्लब में 140 सदस्य हैं। इसकी शुरुआत 7 लोगों ने कीं, लेकिन आज कई नए सदस्य जुड़कर सेवा दे रहे हैं। 28 साल पहले नाश्ते से शुरुआत, अब गुलाब जामुन बांट रहे दादाजी मंदिर मार्ग पर अंजनी बालाजी नगर के सामने दादाजी सेवा मंडली ने स्टॉल लगाया है। यहां दादाजी भक्तों को गुलाब जामुन बांटे जा रहे हैं। आयोजक साधुराम अग्रवाल बताते हैं कि, इस स्टॉल को 28 साल हो गए हैं। शुरुआत में पोहा बांटते थे, अब यह सिलसिला मिठाई तक पहुंच गया है। पहले आईस्क्रीम और बालूसाई भी बांट चुके हैं। कलेक्ट्रेट, आरटीओ, एनएचएआई विभाग का भी स्टॉल निजी संस्थानों के साथ सरकारी विभाग के भी यहां स्टॉल लगे हुए हैं। इनमें आरटीओ विभाग तो पिछले 19 साल से भंडारे का आयोजन कर रहा है। जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी स्टॉल लगाकर सेवा कर रहे हैं। विपणन संघ सब्जी-पुड़ी बांट रहा है। एनएचएआई ने भी थाना पदमनगर के सामने स्टॉल लगाया है। मोहल्ले का ग्रुप परोस रहा जलेबी और भजिए आनंद नगर क्षेत्र में पारस स्टेशनरी के पास एक्टिव ग्रुप ने नाश्ते का स्टॉल लगाया है। यहां भक्तों को जलेबी और भजिए परोसे जा रहे हैं। इसके अलावा भी कई छोटे-बड़े संस्थान, स्कूल कॉलेज और कोचिंग क्लासेस द्वारा ज्यूस और चाय बांट रहे हैं। 3 साल से मंदिर प्रांगण में भी भक्तों के लिए भंडारा हो रहा दादाजी मंदिर प्रांगण में रोजाना दोनों समय लंगर लगता है। सेवादार महेंद्र अग्रवाल के मुताबिक, इस भंडारे से मंदिर के सेवादार, पुलिसकर्मी और निशान लाने वाले भक्तों को आसानी से भोजन प्रसादी मिल जाती है। यहां भक्तों को बैठाकर खिचड़ा, कड़ी और रोटी दे रहे हैं। वहीं, इस बार बूंदी साढ़े 12 ‎‎क्विंटल बेसन, 140 डिब्बे‎ घी, 25 क्विंटल शकर से पांच‎ भटि्टयों पर तैयार की गई है। इसके अलावा तीन‎ दिन‎ भोजन प्रसादी के लिए 20‎ क्विंटल आटे की पुड़ी,‎ 115 ‎क्विंटल चावल, 5‎ क्विंटल मूंग की दाल और‎ 25 डिब्बे घी से‎ हलवा‎ तैयार किया गया है। चिकित्सा मित्र बांट रहे साड़ियां-खिलौने ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले डॉक्टरों ने भी चिकित्सा मित्र नाम से एक ग्रुप बनाया है। यह ग्रुप पिछले पांच साल से बच्चों को खिलौने बांट रहा है। बच्चों के लिए पानी की बोतल, पेन-कॉपी और किताबों सहित स्कूल बैग का वितरण भी कर रहा है। यहां तक की महिलाओं को साड़ियां भी बांटी जा रही है। ग्रुप में 30 सदस्य हैं। दादा दरबार से लेकर पूरा शहर बाजारवाद से परे है सीनियर जर्नलिस्ट मनीष जैन ने बताया … Read more

खंडवा जिले में मांस, मछली और अंडा की बिक्री पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया

 खंडवा   खंडवा जिले में मांस, मछली और अंडा की बिक्री पर पूरी तरह बैन लगा दिया गया है। गुरुपूर्णिमा पर्व के मौके पर श्री दादाजी धुनीवाले का वार्षिक मेला आज यानी 9 जुलाई से शुरु हो रहा है, जो 11 जुलाई तक चलेगा। ऐसे में तीन दिन शहरी क्षेत्र में दुकानें बंद रहेगी। इस संबंध में खंडवा नगर निगम द्वारा आदेश जारी कर दिया गया है। इस संबंध में महापौर अमृता अमर यादव का कहना है कि, राजवीर ढाबे के घटनाक्रम की पुनरावृत्ति रोकने के लिए निर्णय लिया गया है। दरअसल, बीते दिनों दादाजी धूनीवाले के निशान लेकर आ रहे भक्तों को ढाबे पर सेव टमाटर में नॉनवेज परोस दिया गया था। इसके चलते धार्मिक भावनाएं आहत न होम और श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ न हो, इसे मद्देनजर रखते हुए ये आदेश जारी किया गया है। सख्ती से होगा आदेश का पालन गुरु पूर्णिमा पर्व पर दादाजी धूनीवाले के दरबार में तीन दिन महोत्सव मनाया जाता है। ऐसे में नगर निगम शांति और धार्मिक वातावरण बनाए रखने के लिए ये फैसला लिया है। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन की ओर से निर्णय का सख्ती से पालन कराने की बात कही गई है। सेव टमाटर की सब्जी की जगह परोस दिया था मटन बता दें कि, पंधाना क्षेत्र से दादाजी धूनीवाले के निशान लेकर खंडवा आ रहे श्रद्धालु एक ढाबे पर खाना खाने के लिए रुके थे। वहां उन्हें सेव टमाटर की सब्जी की जगह मटन परोस दिया गया था। इस घटना के बाद हिंदू जागरण मंच ने आक्रोश व्यक्त करते हुए जमकर बवाल मचाया था।

मेले के चलते मेमू ट्रेन अवकाश में भी चलेगी, मेमू ट्रेन बुधवार और गुरुवार को मेंटनेंस के कारण बंद रहती

 खंडवा  दादा धूनीवाले की नगरी खंडवा में मंगलवार से गुरुपूर्णिमा महोत्सव की धूम शुरू हो गई है। मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र से हजारों श्रद्धालु खंडवा पहुंच रहे हैं। पूरे शहर में जगह-जगह भंडारों की तैयारी हो चुकी है, जहां पुड़ी-सब्जी के साथ 56 प्रकार के व्यंजन परोसे जायँगे।  शहर में लगातार बारिश के बीच भी तैयारियों में कोई कमी नहीं छोड़ी गई। मंदिर क्षेत्र और प्रमुख पंडालों में वाटरप्रूफ टेंट और डोम लगाए गए हैं। ट्रैफिक और भीड़ नियंत्रण को लेकर पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई गई है। मेले के चलते मेमू ट्रेन अवकाश में भी चलेगी खंडवा से सनावद के बीच चलने वाली मेमू ट्रेन बुधवार और गुरुवार को मेंटनेंस के कारण बंद रहती है, लेकिन सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल के प्रयास से रेलवे ने गुरुपूर्णिमा के दो प्रमुख दिनों (10-11 जुलाई) के लिए इसका संचालन जारी रखने का निर्णय लिया है। 5 दिन बंद रहेगी अनाज मंडी गुरुपूर्णिमा महोत्सव के चलते 9 से 11 जुलाई तक कृषि उपज मंडी में नीलामी बंद रहेगी। इसके बाद 12 को शनिवार और 13 को रविवार की छुट्टी होने से कुल 5 दिन मंडी में काम नहीं होगा। मंडी सचिव ने किसानों से अपील की है कि वे इन दिनों अपनी उपज लेकर मंडी न आएं। आज खंडवा पहुंचेंगे सांसद बंटी साहू छिंदवाड़ा सांसद बंटी साहू पैदल यात्रा करते हुए खंडवा आ रहे हैं। वे मंगलवार को दादा धाम पहुंचेंगे। उनके साथ बड़ी संख्या में समर्थक भी चल रहे हैं। रास्ते में भाजपा कार्यकर्ताओं और संत दादा गुरु ने भी उनका स्वागत किया। 11 जुलाई तक जारी रहेगी बारिश मौसम विशेषज्ञ डॉ. सौरव गुप्ता के मुताबिक, 11 जुलाई तक अच्छी बारिश के आसार हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे सतर्कता बरतें। सभी कार्यक्रमों की व्यवस्था मौसम को देखते हुए की गई है।  

प्रदेश के सभी विद्यालयों में 10 जुलाई गुरूवार को गुरू पूर्णिमा के मौके पर 2 दिवसीय उत्सव का आयोजन किया जायेगा

भोपाल  प्रदेश के सभी विद्यालयों में 10 जुलाई गुरूवार को गुरू पूर्णिमा के मौके पर 2 दिवसीय उत्सव का आयोजन किया जायेगा। यह आयोजन 9 और 10 जुलाई को होगा। इस संबंध में आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती शिल्पा गुप्ता ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी किये हैं। निर्देश में कहा गया है कि पहले दिन 9 जुलाई को विद्यालय में प्रार्थना सभा के बाद शिक्षकों द्वारा गुरू पूर्णिमा के महत्व और पारंपरिक गुरू-शिष्य संस्कृति के बारे में विद्यार्थियों को जानकारी दी जायेगी। विद्यालय में प्राचीन काल में प्रचलित गुरूकुल व्यवस्था एवं उसका भारतीय संस्कृति में प्रभाव विषय पर बच्चों के बीच में निबंध लेखन प्रतियोगिता की जायेगी। विद्यालयों के प्राचार्यों से कहा गया है कि आयोजन के दौरान साधु-संतों, गुरूजनों, सेवानिवृत्त शिक्षकों, विद्यार्थियों और नागरिकों को आमंत्रित किया जाये। इन आयोजन में विद्यालय के पूर्व विद्यार्थियों को भी आमंत्रित किया जा सकता है। पूर्व विद्यार्थी अपने शाला जीवन के अनुभव को विद्यार्थियों के बीच साझा करेंगे। उत्सव के दूसरे दिन 10 जुलाई को गुरू पूर्णिमा के दिन प्रदेश की शिक्षण संस्थाओं में वीणा वादिनी माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन और माल्यार्पण कर गुरू वंदना की जायेगी। विद्यालयों में पदस्थ शिक्षकों और विद्यार्थियों द्वारा गुरू की महिमा पर केन्द्रित व्याख्यान होंगे। इसी के साथ इस दिन गुरूजनों एवं शिक्षकों का सम्मान भी किया जायेगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों में भारतीय मूल्यों संस्कृति आधारित शिक्षा के लिये कई उललेखनीय कदम उठाये गये हैं। उनमें से एक विद्यालयों में गुरू पूर्णिमा का आयोजन किया जाना भी एक है।  

10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा व्रत, जानें स्नान-दान और व्रत करने की सही डेट और टाइम

हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया जाता है। यह दिन गुरुओं को समर्पित है। भारतीय संस्कृति में गुरु को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है, क्योंकि गुरु ही शिष्य को ज्ञान का मार्ग दिखाते हैं और उसे अज्ञान के अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाते हैं, तो आइए इस आर्टिकल में इस पावन दिन (Guru Purnima 2025 Date) से जुड़ी सभी प्रमुख बातों को जानते हैं, जो इस प्रकार हैं। गुरु पूर्णिमा 2025 डेट और टाइम  हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि 10 जुलाई को रात 01 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 11 जुलाई को रात 02 बजकर 06 मिनट पर होगा। ऐसे में 10 जुलाई को गुरु पूर्णिमा (Kab Hai Guru Purnima 2025) का पर्व मनाया जाएगा। गुरु पूर्णिमा का धार्मिक महत्व  धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, गुरु पूर्णिमा के दिन ही महर्षि वेद व्यास जी का जन्म हुआ था। वेद व्यास जी को हिंदू धर्म के सबसे महान गुरुओं में से एक माना जाता है, जिन्होंने महाभारत जैसे महान ग्रंथों की रचना की। इस दिन उनके जन्मोत्सव को व्यास पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। यह तिथि उन सभी गुरुओं के लिए है, जिन्होंने हमारे जीवन को दिशा दी है, चाहे वे माता-पिता हों, शिक्षक हों, या कोई ऐसा व्यक्ति जिसने हमें ज्ञान प्रदान किया हो। गुरु पूर्णिमा पूजा विधि      इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और पवित्र स्नान करें।     इस दिन पवित्र नदी में स्नान करें, अगर ऐसा मुश्किल है तो पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।     साफ कपड़े पहनें।     घर के मंदिर को साफ करें।     एक वेदी पर अपने गुरु की प्रतिमा स्थापित करें।     गुरु के समक्ष घी का दीपक जलाएं।     उन्हें सफेद चंदन, अक्षत, फूल, जनेऊ, फल, मिठाई आदि चीजें चढ़ाएं।     अंत में गुरु की आरती करें और उनका आशीर्वाद लें।     अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगें और जीवन में सही मार्ग पर चलने का संकल्प लें।     इस दिन अपने गुरु द्वारा दिए गए मंत्र का जाप या 'ॐ परमतत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः', 'ॐ ब्रह्म बृहस्पतये नमः' जैसे मंत्रों का जाप कर सकते हैं।     इस दिन जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या शिक्षा से जुड़ी वस्तुओं का दान जरूर करें।