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‘नमस्ते नहीं, नापसंद’: भारत ने ठुकराया F-35 ऑफर, कहा– भरोसा है अपने साथी पर

भारत की दमदार चाल से बौखलाए अमेरिका, ट्रंप बोले– ये पुष्पा स्टाइल नहीं चलेगी! ‘नमस्ते नहीं, नापसंद’: भारत ने ठुकराया F-35 ऑफर, कहा– भरोसा है अपने साथी पर नई दिल्ली अमेरिका की सत्ता में जब डोनाल्ड ट्रंप ने वापसी की तो उन्होंने पूरी दुनिया को टैरिफ की धमकी दी थी. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में उनसे मुलाकात की थी. साथ ही भारत शुरू से ट्रेड डील पर बात कर रहा था. लेकिन अब अमेरिका ने यह जगजाहिर कर दिया है कि रूस और भारत की दोस्ती से वह नाराज रहा है. इसके अलावा भारत ट्रेड डील से जुड़ी बातचीत में अमेरिका के सामने झुका नहीं जो ट्रंप प्रशासन के कुंठा का बड़ा कारण बना. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने न्यूयॉर्क में CNBC को दिए एक इंटरव्यू में कहा, ‘भारत को लेकर ट्रंप और पूरी ट्रेड टीम बहुत हताश हो गई है. बातचीत की शुरुआत भारत ने की थी लेकिन फिर चीजें खींचती चली गईं.’ वहीं दूसरी तरफ अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को कहा कि भारत की ओर से रूसी तेल की खरीद से यूक्रेन में मास्को के युद्ध प्रयासों को बनाए रखने में मदद मिल रही है और यह निश्चित रूप से वाशिंगटन के साथ नई दिल्ली के संबंधों में ‘चिढ़ का विषय’ है. यह दोनों बयान तब आए हैं जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अचानक ऐलान कर दिया कि 1 अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा. किस बात पर तैयार नहीं भारत रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत ट्रेड डील के लिए तैयार है. लेकिन उसने एक रेड लाइन खींच दी है, जिसे वह अमेरिका को पार करने नहीं देगा. यह रेडलाइन देश के किसानों को बचाने के लिएबनाई गई है. दरअसल भारत मक्का, सोयाबीन, डेयरी और बादाम के आयात को छूट देने के लिए तैयार नहीं है, जो व्यापार वार्ता में एक प्रमुख अड़चन साबित हुआ. भारतीय वार्ताकारों ने भारतीय बाजारों में बेरोकटोक पहुँच की अनुमति देने की अमेरिकी मांगों पर स्पष्ट रूप से लाइन तैयार कर दी है. किसान संघों ने भी अमेरिका के साथ ऐसे किसी भी समझौते को लेकर सरकार को बार-बार चेतावनी दी थी, जिससे आयात की अनुमति मिलती हो. भारत पर अमेरिका ने लगाया टैरिफ भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में एक नया मोड़ आ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को अचानक ऐलान कर दिया कि 1 अगस्त से भारत से आने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा. इतना ही नहीं, भारत की ओर से रूस से कच्चा तेल और सैन्य उपकरण खरीदने पर भी एक अलग ‘पेनल्टी’ लगाने की बात कही गई है. इस फैसले के ठीक एक दिन बाद अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने न्यूयॉर्क में CNBC को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘भारत को लेकर ट्रंप और पूरी ट्रेड टीम बहुत हताश हो गई है.’ स्कॉट बेसेन्ट ने सीधे तौर पर भारत की रूस से तेल खरीद को अमेरिका के लिए बड़ी चिंता बताया. उन्होंने कहा, ‘भारत बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित रूसी तेल खरीद रहा है और फिर उसे रिफाइन कर बेचता है. ऐसे में वह एक जिम्मेदार वैश्विक खिलाड़ी नहीं माना जा सकता.’ अमेरिकी विदेश मंत्री ने क्या कहा? विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने कहा, ‘भारत हमारा रणनीतिक साझेदार है, लेकिन हर मसले पर 100% सहमति होना संभव नहीं.’ उन्होंने माना कि भारत की ऊर्जा जरूरतें बहुत बड़ी हैं और रूस से तेल खरीदना उसकी आर्थिक मजबूरी भी है क्योंकि वहां से तेल सस्ता मिल रहा है. उन्होंने आगे कहा, ‘ निराशाजनक है कि जब दुनिया में तेल के इतने विकल्प हैं, तब भी भारत रूस से इतनी बड़ी मात्रा में खरीदारी करता है. इससे रूस को युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है.’. ‘नमस्ते नहीं, नापसंद’: भारत ने ठुकराया F-35 ऑफर, कहा– भरोसा है अपने साथी पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत पर 25 फीसद टैरिफ लगाने का ऐलान किया है. भारतीय उत्‍पादों के लिए अमेरिका बहुत बड़ा बाजार है, ऐसे में ट्रंप की घोषणा का कारोबार पर असर पड़ने की पूरी संभावना है. हालांकि, अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने इस मसले पर बातचीत की मंशा भी जाहिर की है. इन सबके बीच एक बड़ी खबर सामने आई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने अमेरिका के पांचवीं पीढ़ी के F-35 फाइटर जेट को खरीदने से इनकार कर दिया है. नई दिल्‍ली ने अपना पक्ष स्‍पष्‍ट करते हुए कहा कि वह ज्‍वाइंट वेंचर के तौर पर 5th जेनरेशन का लड़ाकू विमान डेवपल करना चाहता है. बता दें कि भारत के ऑल वेदर फ्रेंड रूस ने भी पांचवीं पीढ़ी के Su-57 फाइटर जेट मुहैय कराने का ऑफर दिया है. कुछ रिपोर्ट की मानें तो रूस ने टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर और संयुक्‍त रूप से पांचवीं पीढ़ी का विमान डेवलप करने का प्रस्‍ताव दिया है. F-35 फाइटर जेट पर भारत के रुख के बाद ऐसा माना जा रहा है कि रूस का Su-57 पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट डील में फ्रंट रनर हो सकता है. ‘ब्‍लूमबर्ग’ की र‍िपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिकी F-35 फाइटर जेट खरीदने को लेकर इच्‍छुक नहीं है. रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि इस बाबत भारत ने अमेरिका को सूचित कर दिया है कि वह F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमान खरीदने का इच्छुक नहीं है. फ़रवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने भारत को ये महंगे लड़ाकू विमान बेचने की पेशकश की थी. हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि मोदी सरकार घरेलू स्तर पर रक्षा उपकरणों के संयुक्त डिज़ाइन और निर्माण पर केंद्रित साझेदारी में ज़्यादा रुचि रखती है. इसका सीधा सा मतलब यह है कि भारत ज्‍वाइंट और टेक्‍नोलॉजी ट्रांसफर के आधार पर डिफेंस डील करना चाहता है. बता दें कि ब्रिटेन की रॉयल नेवी का एफ-35 लड़ाकू विमान तकनीकी दिक्‍कतों के चलते केरल में तकरीबन 37 दिनों तक अटका रहा. इसके अलावा कैलिफोर्निया में एफ-35 जेट क्रैश भी हुआ है. इन दोनों घटनाओं से F-35 की एफिशिएंसी पर गंभीर सवाल उठे हैं. ट्रंप के टैरिफ वॉर से निपटने का तरीका रिपोर्ट के अनुसार, भारत अमेरिका से आयात बढ़ाकर हालात को संतुलित करने की कोशिश कर सकता है. इसमें खास तौर पर प्राकृतिक गैस, कम्‍यूनिकेशन … Read more