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छात्रा से बदसलूकी का मामला: रतलाम में टीचर पर बड़ी कार्रवाई, कलेक्टर ने लिया संज्ञान

रतलाम  रतलाम में एक शिक्षक को उसकी हरकतों की सजा मिली है। वीरसिंह मईड़ा नाम के इस शिक्षक ने नशे में एक बच्ची की चोटी काट दी थी। पूरी घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था। यह घटना पिछले साल हुई थी। अब, करीब एक साल बाद, रतलाम के कलेक्टर ने उसे नौकरी से निकाल दिया है। कलेक्टर राजेश बाथम ने यह फैसला लिया। वीरसिंह मईड़ा रावटी के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाता था। स्कूल का नाम सेमलखेड़ी-2 है। मईड़ा वहां सहायक शिक्षक था। उसने 4 सितंबर 2024 को यह हरकत की थी। उस दिन वह स्कूल में नशे की हालत में पहुंचा था। उन्होंने कक्षा 5वीं की एक छात्रा की चोटी काट दी। बच्ची इस दौरान सिसक सिसक कर रोती दिख रही थी। जांच में हुआ खुलासा इस घटना के बाद 5 सितंबर 2024 को शिक्षक को सस्पेंड कर दिया गया था। पुलिस ने उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया था। मामले की जांच हुई। जांच में पता चला कि शिक्षक ने यह कारनामा किया है। इसके बाद कलेक्टर राजेश बाथम ने उसे नौकरी से निकालने का आदेश दिया। यह आदेश गुरुवार की शाम को दिया गया। अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी टीचर ने जब बच्ची की चोटी काटी, तो किसी ने उसका वीडियो बना लिया। वीडियो में टीचर कह रहा था कि जो करना है कर लेना। यह वीडियो इंटरनेट पर बहुत वायरल हुआ था। शुरुआती जांच में ही टीचर को सस्पेंड कर दिया गया था। अब 10 महीने बाद कलेक्टर ने उस पर कार्रवाई की है। उसे अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी गई है।

स्कूल में शराब पीने वाला शिक्षक निलंबित, सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ था वायरल

टीकमगढ़  शराब पीकर स्कूल आना और शराबखोरी करने जैसे मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला टीकमगढ़ जिले से भी सामने आया है। खास बात यह है कि यहां शिक्षक ने शिक्षक ने स्वयं ही शराब पीना स्वीकार कर लिया और वह भी लिखित में जांच टीम को दिया है। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए शराबखोरी करने वाले प्राथमिक शिक्षक को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है। कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने प्राथमिक शिक्षक सुम्मनलाल वंशकार को निलंबित करते हुए विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उनका मुख्यालय नियत कर दिया। उन्हें अब जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी। दरअसल, यह पूरा मामला मोहनगढ़ संकुल केंद्र के पड़वार गांव की हरिजन बस्ती में स्थित प्राथमिक शाला से जुड़ा है। इस विद्यालय में प्राथमिक शिक्षक सुम्मनलाल वंशकार पदस्थ थे। जो स्कूल में शराब पीकर जाते थे। यहां तक कि क्लासरूम में बैठकर भी शराब पीते थे। स्कूल परिसर में शराब की खाली बोतलें भी मिलीं थी। शिक्षक ने लिखित में स्वीकारा इसी बीच बीते दिनों स्कूल की कुर्सी पर शराब पीकर सोते हुए शिक्षक का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गया। जिसमें ग्रामीण बोलते हुए दिखे कि शिक्षक शराब पीकर सो रहे हैं। कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने मामले में जांच टीम गठित की और मोहनगढ़ औ वर्माडांग के प्राचार्य ने जांच की जांच में स्कूल के शिक्षक सुम्मनलाल ने शराब पीकर स्कूल आने की बात लिखित में स्वीकार की। जांच प्रतिवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचने के बाद कलेक्टर विवेक श्रोतिय ने प्राथमिक शिक्षक को निलंबित कर दिया। अब इस मामले से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। हालांकि यह प्रदेश में पहला मामला नहीं है। एक महिला शिक्षक का वीडियो वायरल गौरतलब है कि ऐसा ही एक वीडियो कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के धार जिले से भी सामने आया था। जहां एक महिला टीचर स्कूल में शराब के नशे में झूमती नजर आ रही थी। साथ ही वीडियो में वह वीडियो बनाने वाले को धमकाते भी दिख रही थी, कि यह मेरा स्कूल है-कुछ बोला तो 12 बजा दूंगी। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वारयल हुआ था, जिसके आधार पर महिला शिक्षक पर कार्रवाई की गई है।

युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए

: युक्तियुक्तकरण से लौटी स्कूलों की रौनक, स्कूलों में फिर सुनाई दे रहे हिंदी अंग्रेजी के पाठ और गणित के सवालों की गूंज चार साल तक एकल, फिर शिक्षकविहीन रहा स्कूल अब बन गया शिक्षा का केंद्र युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए  रायपुर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई युक्तियुक्तकरण नीति अब राज्य के दूरस्थ अंचलों के गांवों के विद्यालयों में नए उत्साह का संचार कर रही है। रायगढ़ जिले के लैलूंगा विकासखंड के पाकरगांव स्थित प्राथमिक शाला इसका जीवंत उदाहरण बन चुकी है। लंबे समय तक शिक्षकविहीन रह चुकी यह शाला अब शिक्षा की आवाज़ से गूंज रही है। पाकरगांव का यह स्कूल पहले चार वर्षों तक एकल शिक्षक के भरोसे संचालित होता रहा। बाद में शिक्षक के अन्यत्र तबादले के कारण स्कूल पूरी तरह शिक्षकविहीन हो गया। परिणामस्वरूप बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई और पालकों में भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ने लगी थी। कई बच्चों ने स्कूल आना तक बंद कर दिया था। सरकार द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण के तहत अब पाकरगांव प्राथमिक शाला को दो शिक्षक उपलब्ध कराए गए हैं। इनकी नियमित उपस्थिति से विद्यालय की गतिविधियाँ फिर से सुचारू रूप से शुरू हो गई हैं। बच्चों को अब न केवल अक्षरज्ञान मिल रहा है, बल्कि हिंदी, अंग्रेजी और गणित जैसे विषयों की व्यवस्थित शिक्षा भी मिल रही है। अंग्रेजी शब्दों का उच्चारण, हिंदी के पाठ, पहाड़े और गणित के सवालों के साथ कक्षा में फिर से रौनक लौट आई है। बच्चों के साथ-साथ पालकों और ग्रामवासियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। विद्यालय में नियमित कक्षाएं लगने से अब पालक अपने बच्चों को विद्यालय भेजने के लिए उत्साहित हैं। ग्रामवासी इस बदलाव को एक नई शुरुआत के रूप में देख रहे हैं। पाकरगांव प्राथमिक शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष त्रिनाथ सतपथी ने इस पहल को सराहते हुए कहा कि युक्तियुक्तकरण के चलते हमारे गांव के बच्चों को अब फिर से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा दो शिक्षकों की पदस्थापना से शाला में शिक्षा का माहौल सशक्त हुआ है और यह विद्यालय अब वास्तव में ज्ञान का केंद्र बन चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और शासन प्रशासन के प्रति गांववासियों की ओर से आभार व्यक्त किया। युक्तियुक्तकरण के माध्यम से न केवल शिक्षकविहीन स्कूलों को संबल मिला है, बल्कि यह नीति ग्रामीण अंचलों में शिक्षा की पहुँच और गुणवत्ता को भी नई ऊंचाई दे रही है।